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    'यहां तीन दिन तक रहेंगे तो कोई संक्रमण हो जाएगा', दिल्ली को लेकर नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कहा?

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 02:05 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने शोध के आधार पर कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से जिंदगी दस साल कम हो रही है। नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में कोई अगर तीन दिन रह जाता है तो उसको कई ना कोई संक्रमण जरूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण में पेट्रोल और डीजल का बड़ा योगदान है।

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    नितिन गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण को लेकर जताई चिंता। (फोटो- पीटीआई)

    पीटीआई, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि शहर में तीन दिन रहने से कोई संक्रमण हो सकता है।

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    उन्होंने एक शोध का हवाला देकर दावा किया कि दिल्ली में प्रदूषण के चलते लोगों की औसतन दस वर्ष जिंदगी घट रही है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में बताया कि प्रदूषण के कारण दिल्ली और मुंबई रेड जोन में हैं। वायु और जल प्रदूषण के संबंध में काफी काम किए जाने की जरूरत है।

    दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा: गडकरी

    उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत अधिक है। अगर आप तीन दिन तक दिल्ली में रहेंगे तो आपको कोई संक्रमण हो जाएगा। एक चिकित्सा निष्कर्ष के अनुसार, दिल्ली का प्रदूषण लोगों की औसत उम्र को दस वर्ष कम कर रहा है।

    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचों के विकास के साथ-साथ पर्यावरण संबंधित चिंताओं का समाधान भी राष्ट्रीय विकास के लिए अहम है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारतीय समाज के लिए नैतिकता, अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और पर्यावरण महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमने पर्यावरण मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है।

    'जाम की समस्या का समाधान करने की जरूरत'

    गडकरी ने बताया कि हम करीब 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं। प्रदूषण में पेट्रोल और डीजल का बड़ा योगदान है। सड़कों पर जाम की समस्या का समाधान करने की जरूरत है। वाहनों में ईंधन उपयोग में बदलाव करने की आवश्यकता है। मैं वैकल्पिक ईंधन का समर्थन करता हूं। मैं 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को बचाना चाहता हूं और 10-12 लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में डालना चाहता हूं।

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