New Toll Policy: पूरे नेटवर्क में लगेंगे नए कैमरे, सेंसर पकड़ेगी स्पीड; नई टोल पॉलिसी में क्या है खास?
जल्द ही नई टोल नीति लागू होने वाली है। इसको लेकर तैयारियां तेज हैं। नई प्रणाली पर अमल के लिए तकनीक में सुधार के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय जुटा हुआ है। पूरे नेटवर्क में नए कैमरे और सेंसर लगाने की तैयारी है। मंत्रालय ने राज्यों को भी सुधार के लिए कहा है। दूसरी ओर ध्यान देने वाली बात है कि टोल की वसूली 72 हजार करोड़ से ज्यादा रही।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। हाईवे और एक्सप्रेस वे पर टोल से कमाई में केंद्र सरकार के साथ राज्यों की कमाई भी बढ़ रही है, लेकिन टोल ऑपरेटरों और उनके कर्मियों में कार्यकुशलता की कमी और तकनीक अपडेट करने में ढिलाई के कारण टोल प्लाजा अव्यवस्थाओं और लोगों की परेशानी के ठिकाने बने हुए हैं।
31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में टोल से वसूली 61000 करोड़ रुपये से अधिक रही। इसके पहले वाले साल के मुकाबले यह दस प्रतिशत यानी लगभग 6100 करोड़ रुपये अधिक है। जबकि अपने हाईवे और एक्सप्रेस वे के माध्यम से राज्यों की एजेंसियों का हिस्सा 11000 करोड़ रुपये रहा। इस तरह एनएच, एक्सप्रेस वे और राज्यों के राजमार्गों पर फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह 72000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहा है।
टोलिंग व्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया बहुत धीमी
टोल संग्रह में यह बढ़ोतरी शुल्क में वृद्धि के साथ ही टोल वाली सड़कों का दायरा बढ़ने का परिणाम है। केवल पिछले साल 4700 किलोमीटर के ऐसे एनएच और एक्सप्रेस वे बढ़े जिनमें टोल वसूलने की शुरुआत हुई। यह सिलसिला नए हाईवे और एक्सप्रेस वे बढ़ने के साथ मौजूदा सड़कों को और चौड़ा करने की योजनाओं के साथ और तेजी से बढ़ने के आसार हैं। लेकिन इसके अनुपात में टोलिंग व्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया बहुत धीमी है।
कुछ दिनों बाद लागू होगी नई टोल नीति
अगले कुछ दिनों में जारी होने जा रही नई टोल नीति पर कम से कम तीन साल से काम चल रहा है। इसकी प्रतीक्षा को लेकर बेचैन आम जनता के साथ-साथ सांसदों को भी है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य सड़क परिवहन मंत्रालय में इसकी पूछताछ कर रहे हैं कि नई प्रणाली कब से लागू होगी। यह सवाल-जवाब बजट सत्र में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की इस घोषणा के बाद और बढ़ गया है कि नई टोल नीति टोल की झंझटों को खत्म करने के साथ (शुल्क के लिहाज से) सभी को खुश कर देगी।
नई टोल व्यवस्था में तकनीक का भरपूर इस्तेमाल
नई टोल नीति पर अमल से पहले मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूली में तकनीक के उन्नयन की भी तैयारी की है। एनएच प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार पहले चरण में जिन एनएच और एक्सप्रेस वे में टोल प्लाजा समाप्त किए जाने हैं, उनमें कैमरों को बदलने का काम शुरू हो गया है। अब जो कैमरे इस्तेमाल किए जाएंगे, वे 70-80 मीटर की दूरी से नंबर प्लेट स्कैन करने के साथ गति सीमा और ट्रैफिक उल्लंघन के मामलों को भी नोट करेंगे।
कैमरों और सेंसरों को बदलने का चल रहा काम
नंबर प्लेट आधारित टोल वसूली वाली प्रणाली के पायलट प्रोजेक्टों में इन कैमरों की क्षमता परखी गई है। इनकी मदद से सीट बेल्ट न पहनने, उल्टी दिशा में वाहन चलाने और मोबाइल पर बात करने के मामले रिकार्ड किए गए। अधिकारी ने भरोसा जताया है कि नए सिस्टम में तकनीक की समस्या नहीं आएगी, क्योंकि पूरे नेटवर्क में कैमरों और सेंसरों को बदलने का काम छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही राज्यों से भी कहा गया है कि वे अपने एक्सप्रेस वे और हाईवे की इलेक्ट्रानिक निगरानी तय मानकों के अनुरूप करें।
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