बार-बार नहीं देना होगा Toll Tax, एक ही बार में सालभर की हो जाएगी छुट्टी, Fastag पर Nitin Gadkari ला रहे नई पॉलिसी
देश में नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे लगातार बढ़ रहे हैं जिसके कारण लोग अब एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए कार का उपयोग करते हैं। ऐसा करने पर बार बार Toll Tax देना पड़ता है जिससे कई लोग परेशान भी हो जाते हैं। लेकिन जल्द ही Fastag पर नई पॉलिसी आ सकती है जिससे एक ही बार में सालभर की छुट्टी हो सकती है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। देश में हजारों लोग रोजाना नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे पर सफर करते हैं। इन पर सफर करने के लिए Toll Tax भी वसूल किया जाता है। बार बार टोल देने के कारण कई बार लोग परेशान भी हो जाते हैं। अब इसका समाधान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। किस तरह से लोगों को राहत देने की बात कही जा रही है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
जल्द लागू होगी नई टोल नीति
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से देशभर में जल्द ही नई टोल नीति को लागू किया जा सकता है। जिससे टोल से संबंधित परेशानियों का समाधान हो सकता है। हालांकि अभी इस बारे में किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
कैसे होगा समाधान
जानकारी के मुताबिक नई नीति में सरकार की ओर से लोगों को यह सुविधा दी जाएगी कि वह अपने Fastag को तीन हजार रुपये में रिचार्ज करवा सकते हैं, जिसके बाद अगले एक साल तक उनको किसी भी टोल प्लाजा पर टैक्स नहीं देना होगा। इस रिचार्ज के बाद वह असिमित संख्या में टोल प्लाजा पार कर सकते हैं। जिससे बार बार टोल प्लाजा पर टैक्स देने और मिनिमम बैलेंस रखने की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।
एक और विकल्प पर किया गया था विचार
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से एक और विकल्प पर भी विचार किया गया था। जिसके मुताबिक नई कार खरीदने पर ही 30 हजार रुपये दिए जाएं तो अगले 15 सालों तक किसी भी टोल प्लाजा पर पेमेंट नहीं देनी होगी। लेकिन लाइफटाइम पास पर सभी पक्षों में सहमति नहीं बन पाई, जिस कारण इस विकल्प को छोड़ दिया गया।
किसे मिलेगा फायदा
सरकार की ओर से नई नीति के तहत तीन हजार रुपये के फॉर्मूले को लागू किया जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा ऐसे लोगों को होगा जो हर महीने एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे का उपयोग करते हैं।
कैसे होगी नुकसान की भरपाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की ओर से इस तरह के फैसले को लागू किया जाता है तो इसका नुकसान कंसेसनरों और कांट्रेक्टर्स को होगा। जिसकी भरपाई सरकार की ओर से एक खास फॉर्मूले के तहत की जाएगी। फॉर्मूले के तहत टोल प्लाजा से निकलने वाले वाहनों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा और कंसेसनर और कांट्रेक्टर्स के दावे और वास्तविक वसूली में जो अंतर मिलेगा उसकी भरपाई एक खास फॉर्मूले के साथ की जाएगी।
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