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    'स्टैंड अप इंडिया स्कीम' के 7 साल हुए पूरे, अब तक 40 हजार 600 करोड़ रुपये का दिया गया है ऋण

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया स्कीम के सात साल पूरे हो गए हैं। स्टैंड अप इंडिया पहल ने 7 सालों के अंदर देश के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (एससी / एसटी) समुदायों को सशक्त बनाने और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में निभाई है।(फाइल फोटो)

    By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 05 Apr 2023 03:26 PM (IST)
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    'स्टैंड अप इंडिया स्कीम' के 7 साल हुए पूरे

    नई दिल्ली, एएनआई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू की गई स्टैंड-अप इंडिया स्कीम के सात साल पूरे हो गए हैं।

    स्टैंड-अप इंडिया पहल ने 7 सालों के अंदर देश के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (एससी / एसटी) समुदायों को सशक्त बनाने और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में निभाई है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैंड-अप इंडिया पहल के 7 साल पूरे होने पर खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की।

    पीएम ने ट्वीट कर दी बधाई

    पीएम ने ट्वीट कर कहा, "आज हम स्टैंड-अप इंडिया के 7 साल पूरे कर रहे हैं और इस पहल ने एससी/एसटी समुदायों को सशक्त बनाने और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में निभाई गई भूमिका को स्वीकार किया है।

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    आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता (entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए 5 अप्रैल, 2016 को स्टैंड अप इंडिया योजना शुरू की गई थी। यह योजना वर्ष 2025 तक लागू रहेगी।

    10 लाख से 100 लाख का मिल सकता है ऋण

    यह स्कीम कम से कम एक अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा के लिए 10 लाख रुपये और 100 लाख रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करता है।

    80 प्रतिशत महिलाएं हैं लाभार्थी

    स्टैंड-अप इंडिया के 7 साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत अब तक 1.8 लाख उद्यमियों को 40,600 करोड़ रुपये के ऋण दिया जा चुका है। इस योजना के कुल लाभार्थियों में 80 प्रतिशत महिलाएं हैं।

    40,600 करोड़ रुपये से अधिक दिया जा चुका है ऋण

    सीतारमण ने योजना की सातवीं वर्षगांठ पर कहा, "यह मेरे लिए गर्व और संतोष की बात है कि 1.8 लाख से अधिक महिलाओं और एससी और एसटी उद्यमियों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए हैं।" वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना ने इच्छुक उद्यमियों को अपने उद्यमशीलता कौशल दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

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    स्कीम से उद्यमशीलता को मिला है प्रोत्साहन

    वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस योजना ने एक ईको-सिस्टम बनाया है। इसके माध्यम से सभी अनुसूचित जाति के लोग वाणिज्यिक बैंकों की बैंक शाखाओं से ऋण प्राप्त कर ग्रीन फील्ड उद्यम स्थापित कर पाते हैं।

    स्टैंड-अप इंडिया योजना उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया है। इस स्कीम की मदद से एससी, एसटी और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को काफी प्रोत्साहन मिला है।

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