जीवनसाथी समलैंगिक तो नहीं? शादी से पहले हो रही दूल्हा-दुल्हन की जासूसी; डिटेक्टिव एजेंसियां खोल रहीं कुंडलियां
शादी से पहले जीवनसाथी की जासूसी का चलन तेजी से बढ़ने लगा है। सिर्फ माता-पिता ही नहीं बल्कि होने वाले पति और पत्नी भी एक-दूसरे की जासूसी करवा रही हैं। जासूसी एजेंसियों की मदद से रिश्ते के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाती है। इसके बाद आगे का फैसला लिया जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में दूल्हा-दुल्हन की जासूसी वाली कई एजेंसियां फल-फूल रही हैं।
एएफपी, नई दिल्ली। शादी से पहले एक योग्य जीवनसाथी की तलाश करना सबसे बड़ी चुनौती है। कई बार झूठ और फरेब में फंसकर लोगों की जिंदगी भी बर्बाद हो जाती है। मगर मामला प्रेम विवाह का है तो माता-पिता को संतुष्ट करना आसान नहीं होता। माता-पिता की टेंशन शादी के भविष्य को लेकर होती है।
वह नहीं चाहते हैं कि शादी के कुछ समय बाद ही बेटा या बेटी की खुशहाल जिंदगी तबाह हो जाए। यही वजह है कि अब शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन की जासूसी होने लगी है। इसमें मदद कर रही हैं जासूसी एजेंसियां। इन एजेंसियों के उच्च तकनीक से लैस जासूस जीवन साथी की पूरी कुंडली खोल कर रख देते हैं।
जासूसी में कितने रुपये का आता है खर्च?
नई दिल्ली में भावना पालीवाल (48) ने तेजस डिटेक्टिव एजेंसी की स्थापना की है। उनकी एजेंसी शादी से पहले दुल्हन और दूल्हे की जासूसी करती है। भावना का कहना है कि दुल्हन और दूल्हे की जासूसी का व्यवसाय पहले से बेहतर है। हर महीने उनकी टीम करीब 8 मामलों को संभालती है।
उन्होंने बताया कि हाल में एक महिला ने एक शख्स की जांच कराई। दरअसल, उस आदमी ने दावा था कि वह सालाना लगभग 70,700 डॉलर कमाता है। मगर जांच में पता चला कि वह 7,070 डॉलर ही कमा रहा था।
महिला ने कराई बेटी के मंगेतर की जासूसी
नई दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने बताया कि उनकी बेटी अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी। इसके बाद मैंने भावना पालीवाल की मदद ली। मैं अपनी बेटी का सपोर्ट करना चाहती थी। मगर बिना किसी जांच के नहीं, क्योंकि मेरी शादी खराब हो चुकी है।
जासूसी पर कितना खर्चा
भावना पालीवाल का कहना है कि जासूसी करना एक बुद्धिमानी का कार्य है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि कई बार हमारे ग्राहक भी नहीं चाहते हैं कि लोगों को पता चले कि वे किसी जासूस से मिलते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जासूसी करवाने में 8,501 से 1,70,029 रुपये तक का खर्च आ सकता है। माता-पिता के अलावा होने वाले पति-पत्नी भी एक-दूसरे की जासूसी करवाते हैं।
दूल्हा समलैंगिक तो नहीं, लोग जानना चाहते
जासूस संजय सिंह का कहना है कि यह एक समाज सेवा है। उनकी एजेंसी ने विवाह से पहले सैकड़ों रिश्तों की जांच की। निजी जासूस आकृति खत्री ने कहा कि कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि दूल्हा वास्तव में समलैंगिक है या नहीं।
शहरीकरण ने बदला तरीका
संजय सिंह का कहना कि भारत में अक्सर परिवार शादी से पहले पारिवारिक पृष्ठभूमि और वित्तीय स्थिति की जांच करते हैं। पहले यह काम परिवार के लोग और पुजारी आदि करते थे। मगर विशाल महानगरों में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने सामाजिक नेटवर्क को हिलाकर रख दिया है। यह वजह है कि अब शादी से पहले रिश्ते की जांच पारंपरिक तरीके से करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
क्यों पड़ रही जासूसी की जरूरत?
संजय सिंह का कहना है कि अब अरेंज मैरिज वेबसाइट और डेटिंग ऐप के माध्यम से भी हो रही हैं। यहां तक टिंडर पर भी शादी के प्रस्ताव मिलते हैं। मगर इन रिश्तों की सत्यता को जांचना एक चुनौती है। उनका कहना है कि उनकी टीम जासूसी में कानूनी और अवैध के बीच ग्रे जोन में जांच करती है। मैंने अपनी टीमों को कुछ भी अनैतिक नहीं करने का आदेश दिया।
आकृति खत्री का कहना है कि वह एक एप तैयार करवाने में जुटी हैं। इसकी मदद से उनके एजेंट रिकॉर्ड को सीधे अपलोड कर सकेंगे। उनके मोबाइल में कुछ नहीं बचेगा। पकड़े जाने पर मोबाइल में कुछ नहीं मिलेगा। खत्री का कहना है कि यह हमारी टीम के लिए सुरक्षित है।
इन डिवाइसों से होती है जासूसी
आकृति खत्री का कहना कि कुछ डॉलर में निगरानी उपकरण आसानी से मिल जाते हैं। इन डिवाइसों में मच्छर भगाने वाले सॉकेट में छिपे ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस, जीपीएस कार ट्रैकर और छोटे कैमरे भी शामिल हैं। भावना पालीवाल का कहना है कि उजागर होने पर धोखेबाजों को जासूस और तकनीकी को दोष नहीं देना चाहिए, क्योंकि ऐसे रिश्ते वैसे भी नहीं चल पाते। कोई भी रिश्ता झूठ के आधार पर नहीं चल सकता।
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