Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में लड़कियों के लिए होगा अब विशेष कोटा

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jan 2018 09:47 PM (IST)

    फिलहाल यह कोटा 14 से 20 फीसदी तक का होगा। जो प्रवेश में लड़कियों की भागीदारी को देखते हुए कम और ज्यादा किया जा सकेगा। ...और पढ़ें

    Hero Image
    शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में लड़कियों के लिए होगा अब विशेष कोटा

    अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इच्छुक लड़कियां अब अपने चहेते संस्थान और चहेते कोर्स में प्रवेश ले सकेगी। सरकार ने इसके लिए आईआईटी सहित देश भर के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में एक विशेष कोटा तैयार करने का फैसला लिया है। फिलहाल यह कोटा 14 से 20 फीसदी तक का होगा। जो प्रवेश में लड़कियों की भागीदारी को देखते हुए कम और ज्यादा किया जा सकेगा। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों की कम भागीदारी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। मौजूदा समय में देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी सिर्फ 9 फीसदी के आसपास ही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक विशेष कोटे से लड़कियों को इंजीनियरिंग में प्रवेश देने की इस व्यवस्था पर इसी शैक्षणिक सत्र से अमल शुरु हो सकता है। एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) से तैयारी शुरु करने को कहा गया है। इस पूरी कवायद के पीछे मंत्रालय का लक्ष्य अगले तीन सालों में देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी को 9 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी तक पहुंचाना है।

    मौजूदा समय में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों की कम भागीदारी इसलिए भी रहती थी, क्योंकि वह जिस कोर्स में प्रवेश लेना चाहती थी, वह उन्हें नहीं मिलता था। साथ ही उन्हें पसंद के और आसपास के संस्थान भी नहीं मिल पाते है। सरकार ने नई व्यवस्था में इन्ही दिक्कतों को खत्म किया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इसके अलावा भी छात्राओं को फीस में छूट सहित और भी सुविधाएं देने का विचार कर रही है। इस पर अभी फैसला होना बाकी है।

    गौरतलब है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों की कम भागीदारी को लेकर सरकार के स्तर पर लंबे समय से विचार चल रहा है, जिस पर अब जाकर सरकार किसी फैसले पर पहुंची है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पहले के मुकाबले बढ़ी है, जहां अब औसत प्रति सौ छात्रों में 94 छात्राएं हो गई है। पहले यह संख्या 92 ही थी।

    यह भी पढ़ेंः ठंड का कहर ऐसा कि नदी में जम गया मगरमच्छ तो बच्चे के सिर के बाल बने बर्फ

    यह भी पढ़ेंः CBSE ने की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा, 5 मार्च से शुरू होंगे एग्जाम