Stray Dogs: 'हमें इंसानों की रक्षा करनी होगी', सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शशि थरूर का तंज; सिस्टम को ठहराया दोषी
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नगरपालिकाओं की जगह विश्वसनीय पशु कल्याण संगठनों को धन भेजा जाए क्योंकि नगरपालिकाएं आवंटित धन का सही उपयोग नहीं कर पातीं। थरूर ने सुझाव दिया कि धन पशु कल्याण समूहों और एनजीओ को आवंटित किया जाना चाहिए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि डॉग मैनेजमेंट के लिए नगरपालिकाओं के बजाय पैसे को विश्सनीय पशु कल्याण संगठनों के लिए भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि वास्तविक मुद्दा संसाधनों के उपलब्ध होने के बावजूद, आवंटित धन का नगरपालिकाएं प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, "हमें कुत्तों के लिए मानवीय होने के दौरान मनुष्यों की रक्षा करने की जरूरत है। लेकिन एक बिंदु का कोई उल्लेख नहीं करता कि हमारे सिस्टम में दोष संसाधनों की कमी का नहीं है बल्कि नगरपालिकाओं की नाकामी का है, जिन्हें पैसा मिलता है लेकिन वो आवारा कुत्तों की सही से देखभाल नहीं कर पाती।"
शशि थरूर ने दिया ये सुझाव
उन्होंने एक वैकल्पिक सुझाव देते हुए कहा, "शायद इस फंड को पशु कल्याण समूहों को आवंटित किया जाना चाहिए और जानवरों को शेल्टर देने के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ ईमानदारी से एनजीओ को आवंटित किया जाना चाहिए? वे नगरपालिकाओं की तुलना में एबीसी कार्यक्रम को लागू करने की ज्यादा संभावना रखते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले 11 अगस्त, 2025 को आवारा कुत्तों के हमले की समस्या को बेहद गंभीर माना और फैसला दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द शेल्टर में शिफ्ट किया जाए।
जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि जो भी कुत्ता प्रेमी संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
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