काम की खबर: सड़क हादसे में सरकार भी देती है लाखों का मुआवजा, जानिए अपने राज्य का प्रावधान और कैसे करें आवेदन
सड़क हादसे में मौत या घायल होने पर मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 के तहत पीड़ित को मुआवजा मिलता है। सड़क हादसों में जिन लोगों की मौत होती है उनमें से यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार का इकलौता है तो उसके लिए ट्राइब्यूनलकोर्ट में मुआवजे की अपील करनी होती है जिसमें इंश्योरेंस कंपनी और गाड़ी का मालिक (जिसने एक्सीडेंट किया है) को मृतक के परिवार को मुआवजा देना होता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। देश में सैकड़ों लोग रोजाना अपनी जान गंवाते हैं और घायल भी होते हैं। यह हादसे कई बार खुद की गलती से या किसी अन्य गाड़ी द्वारा टक्कर लगने से होते हैं। जब अन्य गाड़ी द्वारा किसी व्यक्ति को या उसकी गाड़ी को टक्कर मारने से जो घटना घटित होती है, उसे 'हिट एंड रन' केस की श्रेणी में रखा जाता है।
हाल ही में 'हिट एंड रन' के कई मामले सामने आए, जिसके चलते ट्रक चालकों ने हड़ताल भी की। इस तरह के मामलों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कानूनों को पहले से काफी सख्त किया है। जागरण डिजिटल की सीरीज 'काम की खबर' में हम आपको आज बता रहे हैं कि सड़क हादसों में यदि कोई घायल हो जाए या किसी की मृत्यु हो जाए तो उन्हें सरकार द्वारा कितना मुआवजा मिलता है।
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
जागरण डॉट कॉम द्वारा जब सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ में एसआई श्री गंगा सिंह राघव से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को दो लाख और घायल को पचास हजार रुपये का मुआवजा दिया जाता है। इसके साथ ही इंश्योरेशन कंपनी द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की रकम अलग-अलग होती है। यदि कोई पीड़ित इंश्योरेशन कंपनी द्वारा प्राप्त रकम से संतुष्ट नहीं है तो उसे ट्राइब्यूनल कोर्ट में अपील करना होता है।
बिहार में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
बिहार में सड़क दुर्घटना होने पर मृतक के परिजन को पांच लाख का मुआवजा सरकर द्वारा दिया जाता है। जबकि गंभीर रूप से घायल को 50 हजार रुपये का मुआवजे का प्रावधान है।
राजस्थान में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना लागू है। इस योजना के तहत यदि किसी व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो जाती है तो उसे दस लाख का मुआवजा दिया जाता है। वहीं घायल और अंग भंग होने की स्थिति में अलग-अलग मुआवजे का प्रावधान है।
मध्य प्रदेश में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटना में यदि किसी वाहन से किसी अन्य व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। वहीं दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 25 हजार रुपए तक का मुआवजा मिलता है। जबकि मुख्यमंत्री की घोषणा पर मृतक के स्वजन को चार लाख और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
छत्तीसगढ़ में यदि अज्ञात वाहनों से दुर्घटना (हिंट एंड रन ) के मामले में मृतक के आश्रितों को दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। वहीं घायल यक्ति को 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलता है।
उत्तराखंड में में सड़क हादसे में कितना मिलता है मुआवजा
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई तो उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत राशि के तहत मृतक के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। गंभीर घायलों को 40 हजार और कम कम घायल को 20 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा।
2022 में भारत में कितने सड़क हादसे हुए?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं साल 2022 में हुए सड़क हादसों में कुल 4,43,366 लोग घायल हुए। पिछले वर्षों की तुलना में भारत में सड़क हादसों में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और घायल लोगों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सड़क हादसों के लिए मुआवजा कितना मिलता है?
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने 25 फरवरी 2022 को एक अधिसूचना जारी करके हिट-एंड-रन वाहन दुर्घटना के पीड़ितों के मुआवजे के लिए एक नई योजना को अधिसूचित किया। इस योजना के तहत मुआवजे की धनराशि बढ़ाने, यानी गंभीर रूप से घायल होने पर मुआवजे की राशि को 12,500 रुपये से बढ़कर 50 हजार रुपये तथा मृत्यु होने की स्थिति में मुआवजा राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रावधान किया गया।
सड़क हादसों में कैसे मिलता है मुआवजा?
सड़क हादसे में मौत या घायल होने पर मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 के तहत पीड़ित को मुआवजा मिलता है। सड़क हादसों में जिन लोगों की मौत होती है उनमें से यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार का इकलौता है तो उसके लिए 'ट्राइब्यूनल' कोर्ट में मुआवजे की अपील करनी होती है, जिसमें इंश्योरेंस कंपनी और गाड़ी का मालिक (जिसने एक्सीडेंट किया है) को मृतक के परिवार को मुआवजा देना होता है। इसके साथ ही यदि मामला हिट एंड रन हो तो ऐसे में उसके परिवार को सरकार द्वारा दो लाख तक का मुआवजा दिया जाता है।
सड़क हादसों में मुआवजे के लिए कब तक करना होता है आवेदन?
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मुआवजे का प्रावधान है, जिसके लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल बनाया गया है। इसके लिए आपको छह महीने के भीतर आप क्लेम के लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि ट्राइब्यूनल को कुछ खास विषय से जुड़े मामलों को देखने के लिए बनाया जाता है जैसे कि विवादों का जल्द निपटारा करना और मौजूद प्रशासनिक निर्णय की समीक्षा करना आदि। इनको बनाने के पीछे का मकसद बस इतना है कि कोर्ट काम हो क्योंकि ट्राइब्यूनल में जल्द फैसले दिए जाते हैं।
मुआवजे के लिए कौन कर सकता है आवेदन?
मोटर व्हीकल ऐक्ट की धारा 166 के तहत पीड़ित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं। घायल व्यक्ति, जिसका नुकसान हुआ और मृतक का कानूनी प्रतिनिधि मुआवजे के लिए आवेन कर सकते हैं
सड़क हादसे में मुआवजे के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
- सड़क हादसे पर FIR की कॉपी होनी चाहिए।
- मृतक का पंचनामा
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट
- मृतक से जुड़े पहचान के दस्तावेज
- मृतक की आय प्रमाण पत्र
- मृतक/जख्मी का जन्म प्रमाण पत्र
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (अगर कोई हो तो)
सड़क हादसा होने पर क्या करें?
सबसे पहले पुलिस को घटना की सूचना दें और इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें। इसके बाद पुलिस घटना का मुआयना करती है और 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट ट्राइब्यूनल को भेजती है। रिपोर्ट के आधार पर ही इंश्योरेंस कंपनी मुआवजे की रकम तय करती है। यदि किसी स्थिति में व्यक्ति मुआवजे से संतुष्ट नहीं है तो वह ट्राइब्यूनल में अपील कर सकता है।
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