Apple Alert: एप्पल अलर्ट पर राहुल गांधी चिंतित तो कराना चाहिए FIR, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद का पलटवार
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर इतने चिंतित हैं तो उन्हें मामले में प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी किससे सवाल नहीं पूछते? वह अपना होमवर्क नहीं करते।

पीटीआइ, नई दिल्ली। एप्पल के चेतावनी संदेश को लेकर राहुल गांधी द्वारा केंद्र के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि अगर कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर इतने चिंतित हैं, तो उन्हें मामले में प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी किससे सवाल नहीं पूछते? वह अपना होमवर्क नहीं करते।
यह बात जानकारी में आई है कि एप्पल ने खुद कहा है कि हमने 150 देशों में ये नोटिफिकेशन दिए हैं। जब 150 देशों में ये नोटिफिकेशन भेजे गए हैं तो राहुल गांधी को इसे लेकर चिंता क्यों है? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर आप इतने ही परेशान हैं, तो आपको एफआइआर दर्ज करानी चाहिए। जब पेगासस मामला हुआ तो राहुल गांधी ने भी आवाज उठाई।
राहुल गांधी को इसे लेकर चिंता क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई और जिन लोगों को लगता है कि उनके फोन में पेगासस है, उन्हें अपना फोन जमा करने को कहा, तब उनमें हिम्मत नहीं थी। वहीं, भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में जॉर्ज सोरोस है। उन्होंने एक थ्रेड का जवाब दिया, जिसने कथित तौर पर सोरोस और एक्सेस नाउ के बीच ¨लक का भंडाफोड़ किया था। उन्होंने कहा कि थ्रेड के भाग-2 में जार्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित एक्सेस नाउ द्वारा भारत में बनाए गए नेटवर्क का विवरण दिया गया है।
मालवीय ने चिदंबरम के आरोपों पर किया पलटवार
विपक्षी नेताओं द्वारा प्राप्त अलर्ट भी एक्सेस नाउ को संदर्भित करती है। साथ ही मालवीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्हें उनके कार्यकाल की याद दिलाई, जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने कहा कि क्या इससे खतरे की घंटी बजती है, श्रीमान चिदंबरम?
चिदंबरम ने कहा था कि पेगासस मामले के बाद अब शक की सुई सरकार की एजेंसी की ओर जा रही है। फिलहाल यह सिर्फ संदेह है। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि सैकड़ों विपक्षी नेताओं को एप्पल से अलर्ट मिला। आखिर केवल विपक्षी नेता ही क्यों? विपक्षी नेताओं के फोन के साथ छेड़छाड़ करने में किसकी दिलचस्पी होगी?

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