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    'अमेरिका खुद हमसे फ्यूल खरीद रहा, भारत से क्या दिक्कत'; पुतिन ने ट्रंप को सुनाया

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 09:49 AM (IST)

    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, उन्होंने भारत पर अमेरिकी टैरिफ के दबाव को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका रूस से ईंधन ...और पढ़ें

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    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे। (फोटो- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समय भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। गुरुवार को दिल्ली पहुंचे रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस गर्मजोशी भरे स्वागत की क्रेमलिन ने सराहना की है।

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    दरअसल, राष्ट्रपति पुतिन का ये दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव है। अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। भारत पर लगे टैरिफ पर पुतिन ने भी प्रतिक्रिया दी है।

    टैरिफ पर बोले पुतिन

    रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की है। यह इंटरव्यू पुतिन के दिल्ली आने के कुछ घंटे बाद प्रसारित किया गया। इस साक्षात्कार के दौरान पुतिन ने भारत पर अमेरिकी के भारी दबाव को चुनौती दी। पुतिन ने कहा कि अमेरिका खुद हमसे फ्यूल खरीदता है और अगर वह ऐसा कर सकता है, भारत के फ्यूल खरीदने पर उसे क्या दिक्कत है?

    क्या है पुतिन की भारत की यात्रा के मायने?

    राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देश आपसी ट्रेड को बढ़ावा देने और लेन-देन में अलग-अलग तरह की चीजों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यूक्रेन के साथ शुरू हुए युद्ध के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

    इस दौरे का मकसद रूसी तेल, मिसाइल सिस्टम और फाइटर जेट की बिक्री बढ़ाना और एनर्जी और डिफेंस इक्विपमेंट से आगे बिजनेस लिंक को बढ़ाना है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब US भारत पर यूक्रेन पर हमले को लेकर मॉस्को से दूर रहने का दबाव बना रहा है।

    चार साल में पुतिन की पहली भारत यात्रा

    गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच पुराने सोवियत यूनियन के दिनों से ही रिश्ते मजबूत हैं। वहीं, रूस दशकों से भारत के लिए हथियारों का मुख्य सोर्स रहा है। फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, जिसके बाद पश्चिमी देशों की ओर से मॉस्को पर कई बैन लगा दिए गए। बावजूद इसके भारत समुद्री रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा।

    हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारतीय सामानों पर US के कड़े टैरिफ और रूस पर कड़े प्रतिबंधों के बाद इस महीने भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि भारत द्वारा सस्ते रूसी तेल की खरीद से यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध को फाइनेंस करने में मदद मिलती है।

    'अमेरिका भी रूस से खरीदता है फ्यूल'

    ट्रंप टैरिफ से जुड़े एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि अमेरिका खुद अभी भी अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए हमसे न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है। वह भी फ्यूल है। उन्होंने कहा कि अगर US को हमारा फ्यूल खरीदने का अधिकार है, तो भारत को वही खास अधिकार क्यों नहीं मिलना चाहिए? इस सवाल की पूरी जांच होनी चाहिए, और हम इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, जिसमें प्रेसिडेंट ट्रंप के साथ भी चर्चा शामिल है।

    'भारत और रूस के बीच ऑयल ट्रेड ठीक चल रहा'

    वहीं, इस साक्षात्कार के दौरान जब पुतिन से पूछा गया कि क्या वेस्ट के दबाव में इंडियन ऑयल की खरीद कम हुई है? इसके जवाब में पुतिन ने कहा कि इस साल के पहले नौ महीनों में ओवरऑल ट्रेड टर्नओवर में कुछ गिरावट आई है।

    हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक छोटा सा एडजस्टमेंट है। लेकिन हमारा ट्रेड टर्नओवर लगभग पहले जैसे ही लेवल पर है। उन्होंने दावा किया कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और क्रूड ऑयल... रशियन ऑयल का ट्रेड, इंडिया में ठीक चल रहा है।

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