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Presidential Elections 2022: राजस्‍थान में 200 में से 198 विधायकों ने किया मतदान, गहलोत बोले,यह लडाई उम्‍मीदवार की नहीं विचारधारा की है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में लड़ाई किसी उम्मीदवार को लेकर नहीं होती है यह लड़ाई विचारधारा की है। सभी विपक्षी पार्टियों ने यशवंत सिंहा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Published: Tue, 19 Jul 2022 12:18 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jul 2022 12:18 AM (IST)
कांग्रेस की तरफ से सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मतदान किया।

जागरण संवाददाता,जयपुर। राष्ट्रपति चुनाव में राजस्थान के कुल 200 में से 198 विधायकों ने मतदान किया। सोमवार को विधानसभा परिसर में हुए मतदान में कांग्रेस के विधाय भंवरलाल शर्मा स्वास्थ्य खराब होने के कारण और भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत पुत्र की तबियत खराब होने के कारण मतदान करने नहीं पहुंचे । दोनों विधायकों का सोमवार शाम पांच बजे तक मतदान के लिए इंतजार किया गया। लेकिन जब दोनों विधायक मतदान करने नहीं पहुंचे तो 198 विधायकों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करने की बात अधिकारिक रूप से कही गई। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के व्हिप का उल्लंघन कर कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने वाली विधायक शोभारानी कुशवाह ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिंहा के पक्ष में मतदान किया। कुशवाह ने पहले मतदान नहीं करने का निर्णय लिया था। लेकिन बाद में सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने उनसे संपर्क किया। दोनों ने कुशवाह से सिंहा के पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया तब वह वोट डालने विधानसभा पहुंची। भाजपा ने कुशवाह को निष्कासित किया हुआ है। इसी तरह सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेस के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा काफी मान-मनोवल के बाद मतदान करने पहुंचे। सुबह दस बजे मतदान प्रारम्भ होते ही कांग्रेस की तरफ से सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मतदान किया। भाजपा के अधिकांश विधायकों ने दोपहर पहले ही मतदान कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शाम करीब चार बजे मतदान करने पहुंची। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीनों विधायकों ने एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मु के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद बैलेट बाक्स पैक कर दिए गए।

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गहलोत बोले,यह लडाई उम्‍मीदवार की नहीं विचारधारा की है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में लड़ाई किसी उम्मीदवार को लेकर नहीं होती है,यह लड़ाई विचारधारा की है। सभी विपक्षी पार्टियों ने यशवंत सिंहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को विधानसभा भवन परिसर में मीडियाकर्मयों से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार लोकसभा और राज्यसभा दोनों के अध्यक्ष राजस्थान से होंगे। ये सुखद संयोग है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहले से ही राजस्थान से हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ राजस्था के झुंझुनूं जिले के निवासी हैं। वहीं इस पद के लिए विपक्षी दलों की प्रत्याशी मार्गट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल रही हैं। उन्होंने कहा कि तमाम विपक्षी पार्टियों ने यशवंत सिंहा को उम्मीदवार बनाया है।

अगर भाजपा और एनडीए सरकार चाहती तो उनके सामने पांच साल बाद एक ऐसा मौका आया था कि वो विपक्षी पार्टियों को साथ ले सकती थी। विपक्षी पार्टियों से बातचीत की कोशिश की जा सकती थी। अगर सरकार बातचीत करती तो राष्टSHAपति जैसे पद के लिए सर्वसम्मति बनाई जा सकती थी। उधर गहलोत सरकार के नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा राष्ट्रपति पद के लिए ऐसे चेहरे को तलाश कर लाई है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे की तरफ देखे। ऐसा राष्ट्रपति चाहिए जिसकी आवाज लोग समझें और जिसकी तरफ देश देखे। लेकिन अब तो देश के लोग दिलचस्पी ही नहीं लेते। लोग जानते हैं कि भाजपा ऐसा राष्ट्रपति चुनकर लाती है जिसकी आवाज जनता नहीं जानती है।


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