ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगी कैबिनेट बैठक, पीएम मोदी की अध्यक्षता में लिए जा सकते हैं बड़े फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों की परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की दंडात्मक सैन्य कार्रवाई के बाद पहली है जो पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी जा सकती है। मंत्री परिषद की बैठक में शासन की प्रमुख विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला जा सकता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों की परिषद (Cabinet Meeting) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे जो कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारत की दंडात्मक सैन्य कार्रवाई के बाद पहली बैठक है। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री परिषद की बैठक के दौरान इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी जा सकती है। यही मंत्री गण अगले सप्ताह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में भी शामिल होने वाले हैं।
इन बातों पर भी बैठक पर हो सकती है चर्चा
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के अलावा प्रधानमंत्री परिषद की बैठक में अपने शासन की प्रमुख विशेषताओं पर भी प्रकाश डाल सकते हैं क्योंकि मंत्री वर्षगांठ के कार्यक्रमों के दौरान देशभर में लोगों के साथ संवाद करने की तैयारी कर रहे हैं।
भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी स्थलों पर किए गए सटीक हमले और इसके बाद पड़ोसी देश के सैन्य ठिकानों विशेष रूप से एअरबेस पर की गई जवाबी कार्रवाई पीएम मोदी के हालिया भाषणों का एक प्रमुख विषय रही हैं। उन्होंने यह पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी कृत्यों को दंडित करने में भारत के ''न्यू नार्मल'' को चिह्नित किया है।
पीएम मोदी डेलिगेशन से लेंगे फीडबैक
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) और ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई से दुनिया को अवगत कराने गए सांसदों और राजनयिकों के प्रतिनिधमंडल की वापसी बुधवार सुबह से शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह खुद प्रधानमंत्री भी इन प्रतिनिधमंडलों से मुलाकात करेंगे और फीडबैक (PM Modi Feedback Session) लेंगे।
विश्व के 33 देशों में कुल दस दिनों की यात्रा बहुत सफल मानी जा रही है जिसमें औपचारिक और अनौपचारिक चर्चा में भारत के सांसदों (Indian MPs expose Pakistan) ने न सिर्फ संबंधित सरकारों बल्कि वहां के थिंक टैंक और बुद्धिजीवियों को हर पहलू पर भारत के विचारों से सहमत कराने की कोशिश की।
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