हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े', पैराग्वे के राष्ट्रपति से बोले पीएम मोदी
पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पैलासियोस ने भारत की यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की। पैराग्वे ने भारतीय कंपनियों को बहुमूल्य धातुओं के भंडार में निवेश करने और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पैराग्वे साथ हैं। पैराग्वे दक्षिण अमेरिका का एकमात्र देश है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दक्षिणी अमेरिकी देशों के साथ अपने कूटनीतिक, आर्थिक व सामरिक संबंधों को मजबूत करने में जुटे भारत को इस क्षेत्र के एक प्रमुख देश पैराग्वे ने बहुत सकारात्मक संकेत दिए हैं। भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आये पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पैलासियोस ने नई दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की।
दोनों नेताओं की अगुवाई में हुई इस बैठक में पैराग्वे की तरफ से भारतीय कंपनियों को ना सिर्फ अपने बहुमूल्य धातुओं के भंडार के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की पेशकश की गई। सैंटियागो भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले पैराग्वे के सिर्फ दूसरे राष्ट्रपति हैं।
पैराग्वे चीन की कंपनियों को निवेश करने में कोई छूट नहीं देता
भारत के लिए इस देश का इसलिए अहमियत बढ़ गई है कि यह दक्षिण अमेरिका का एकमात्र ऐसे देश है जो चीन के प्रभुत्व के सामने नही झुकते हुए ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किया हुआ है। एक तरफ जहां दक्षिण अमेरिका के अन्य सभी देशों मे चीन की कंपनियों का वर्चस्व है, वहीं पैराग्वे चीन की कंपनियों को निवेश करने में कोई छूट नहीं देता।
राष्ट्रपति सैंटियागो के साथ बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत व पैराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साइबरक्राइम, संगठित अपराध, मादक दवाओं के कारोबार जैसी साझा चुनौतियों से लड़ने के लिए दोनों देशों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से आपसी संबंधों के विश्वास, व्यापार और करीबी संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। साथ ही भारत और लैटिन अमेरिका संबंधों को में भी नये आयाम जुड़ेंगे।"
भारतीय कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित
पैराग्वे से पहले चिली गैब्रियल फोंत अप्रैल के पहले हफ्ते में भारत दौरे पर आये थे। इसके पहले फरवरी में पेरू के विदेश मंत्री एल्मर शायलर साल्सेदो ने भारत का दौरा किया था। इसके पहले कभी इतने कम समय में दक्षिणी अमेरिकी देशों के शीर्ष नेताओं ने भारत का दौरा नहीं किया था।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने कहा कि, "पैराग्वे भारत को एक बड़े कारोबारी साझेदार के तौर पर देख रहा है। राष्ट्रपति सैंटियागो ने अपने देश में बहुमूल्य धातुओं के भंडार में भारतीय कंपनियों को खास तौर पर निवेश के लिए आमंत्रित किया है।"
पिछले वर्ष पैराग्वे ने चीन के राजदूत को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया था कि वह उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। चीन इस बात से काफी नाराज रहता है कि पैराग्वे ने ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित कर रखा है।
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