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    Russia Ukraine War: 'यूक्रेन पर परमाणु हमला कर सकता है रूस', अमेरिकी अधिकारियों के दावे से दहशत में दुनिया

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 09:38 PM (IST)

    विशेषज्ञों के अनुसार युद्धविराम के लिए अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच रूस की कोशिश यूक्रेन की ज्यादा से ज्यादा जमीन पर कब्जे की है। कारण यह है कि ज्यादा जमीन पर कब्जे से वार्ता की टेबल पर रूस को सौदेबाजी में आसानी होगी। इसके लिए उसने बीते तीन हफ्तों में यूक्रेन पर लगातार बड़े हमले किए हैं।

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    यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन से किया हमला।(फाइल फोटो)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। रूस का महाशक्ति का आसन अब डोल रहा है। रविवार को पांच वायुसेना अड्डों पर हुए हमलों और उनमें शामिल बेलाया एयरबेस पर परमाणु हमले में सक्षम 40 से ज्यादा बमवर्षक विमानों को बर्बाद करने वाले यूक्रेनी हमले ने अब युद्ध को रेडलाइन के करीब पहुंचा दिया है। संकेत रूस के बड़े नौसैनिक अड्डे पर भी हमले का है जहां पर परमाणु हमले में सक्षम पनडुब्बियों का बेस है। इन हमलों ने यूक्रेन पर रूस के परमाणु हमले का खतरा बढ़ा दिया है।

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    अमेरिका के दो सीनेटरों के रविवार को इस आशय के संकेत देने के बाद सोमवार को वे पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिले। इस मुलाकात में भी आने वाले दिनों में यूक्रेन में भीषण हमलों की आशंका पर सहमति जताई गई है।

    अमेरिका ने जताई भीषण लड़ाई की चिंता 

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद पेरिस में अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी से सीनेटर लिंडसे ग्राहम और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथाल ने एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत में भीषण लड़ाई की आशंका जताई है। दोनों सीनेटर ने कहा, राष्ट्रपति मैक्रों भी उनकी इस राय से 100 प्रतिशत सहमत हैं।

    विशेषज्ञों के अनुसार युद्धविराम के लिए अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच रूस की कोशिश यूक्रेन की ज्यादा से ज्यादा जमीन पर कब्जे की है। कारण यह है कि ज्यादा जमीन पर कब्जे से वार्ता की टेबल पर रूस को सौदेबाजी में आसानी होगी। इसके लिए उसने बीते तीन हफ्तों में यूक्रेन पर लगातार बड़े हमले किए हैं। लेकिन रविवार के यूक्रेन के पलटवार ने रूस की रणनीति और उसके ओहदे को भारी चोट पहुंचाई है।

    परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है रूस: विशेषज्ञ

    इस हमले की सफलता ने यूक्रेन का हौसला भी बढ़ाया है इसलिए युद्ध के भयंकर होने का खतरा भी बढ़ गया है। निकट भविष्य में अगर यूक्रेन फिर ऐसा ही कोई दुस्साहस किया तो रूस के लिए 'बड़े हमले' वाले जवाब से बचना मुश्किल हो जाएगा। यह 'बड़ा हमला' परमाणु हथियार के इस्तेमाल का हो सकता है जिनका सबसे बड़ा भंडार रूस के पास है।

    सीनेटर ग्राहम लिंडसे ने कहा, उन्हें जो सूचना है उससे लग रहा है कि पुतिन बड़े युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यह समय रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए ही मुश्किल नहीं है बल्कि विश्व के लिए भी मुश्किल हो सकता है। जानकारों के अनुसार रूस पर हाल ही में लगे यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के नए प्रतिबंधों से भी पुतिन पर दबाव बढ़ा है, अगर इन प्रतिबंधों में अमेरिका भी शामिल हो गया तो रूस की मुश्किल बढ़नी तय है।

    रूस से पेट्रोलियम उत्पादों को खरीदने वाले देशों पर सख्त हो सकता है अमेरिका 

    यूक्रेन में युद्ध खत्म न होने की स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के पेट्रोलियम उत्पादों को खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में भारत और चीन भी प्रतिबंधों के दायरे में आ सकते हैं या उन पर 500 प्रतिशत का आयात शुल्क लग सकता है।

    अमेरिका में इस आशय का विधेयक तैयार है और अमेरिकी संसद का बहुमत उसके पक्ष में है। ऐसे में विश्व में टकराव बढ़ना तय है। सीनेटर ब्लूमेंथाल भी जानकारों की राय के साथ हैं।

    उन्होंने कहा,"अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के प्रतिबंध रूस की कमर तोड़ने वाले हो सकते हैं। इनसे रूसी अर्थव्यवस्था देश में ही सिमटकर रह जाएगी। जबकि सीनेटर ग्राहम लिंडसे ने कहा कि अपने संसदीय जीवन में उन्होंने इससे ज्यादा सख्त विधेयक नहीं देखा है।"

    अमेरिका का मानना है कि चीन और भारत की रूस से खरीद को रोककर ही वह रूसी वार मशीन ठप कर सकता है। अमेरिकी संसद अगर यह विधेयक पारित करती है तो भारत और चीन के लिए रूस से किसी भी वस्तु की खरीद मुश्किल हो जाएगी। इसका सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था और युद्ध के लिए उसके धन अर्जन पर पड़ेगा।

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