गले मिले... हाथ पकड़कर कुर्सी पर बिठाया, PM मोदी ने लिया जगद्गुरु रामभद्राचार्य से आशीर्वाद; Video
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में तुलसी पीठ के जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से भेंट की। इस दौरान जगद्गुरु काफी भावुक दिखाई दिए। उन्होंने मिलते ही प्रधानमंत्री को गले से लगा लिया। इसके बाद पीएम उन्हें उनके आसन तक ले गए।
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने तुलसी पीठ के जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से भेंट की।
भावुक दिखाई दिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य
पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य काफी भावुक दिखाई दिए। उन्होंने मिलते ही प्रधानमंत्री को गले से लगा लिया। इसके बाद पीएम उन्हें उनके आसन तक ले गए और उन्हें बैठने में मदद की।
#WATCH | Madhya Pradesh: Prime Minister Narendra Modi seeks blessings of Jagadguru Ramanandacharya of the Tulsi Peeth, in Chitrakoot. pic.twitter.com/kZgLTMZn3q— ANI (@ANI) October 27, 2023
यह भी पढ़ें: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने पीजीआई लखनऊ आइसीयू में लिखी थी 'भगवान श्रीकृष्ण की राष्ट्रलीला'
कांच मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा अर्चना
पीएम मोदी ने तुलसी पीठ में कांच मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इसके अलावा, वे सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना करने वाले स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के जन्म शताब्दी कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
कौन हैं स्वामी रामभद्राचार्य?
स्वामी रामभद्राचार्य देख नहीं सकते हैं। उनका बचपन का नाम गिरिधर मिश्र था। वे एक विद्वान, शिक्षाविद, बहुभाषाविद्, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिंदू धर्मगुरु हैं। वे रामानंद सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं। उनका जन्म 14 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था।
यह भी पढ़ें: PM Modi in Chitrakoot: श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचे PM मोदी, इन-इन मंदिरों में टेका मत्था; जानें पल-पल की अपडेट
दो माह की उम्र में गई आंख की रोशनी
कहा जाता है कि जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य केवल दो महीने के थे, तभी उनके आंख की रोशनी चली गई। वे पढ़ लिख भी नहीं सकते। वे ब्रेल लिपि का प्रयोग भी नहीं करते, इसके बावजूद उन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है। उन्हें 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके पिता का नाम पंडित राजदेव मिश्र और माता का नाम शची देवी मश्र है।