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दोषी सांसदों और विधायकों पर आजीवन प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में दोषी सांसदों और विधायकों खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग है की उनके चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंद्ध लगाया जाए। याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Tue, 15 Nov 2022 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2022 06:36 PM (IST)
सांसदों और विधायकों पर आजीवन प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नई दिल्ली, एएनआई: सुप्रीम कोर्ट में दोषी सांसदों और विधायकों खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग है की उनके चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंद्ध लगाया जाए। याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी।

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ईडी ने 51 सांसदों और विधायकों को बनाया आरोपी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश की गई एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, करीब 51 सांसद और 71 विधायक ऐसे हैं जिन्हें एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत आरोपी करार दिया गया है। इन सांसदों और विधायकों में कुछ मौजूदा और पूर्व विधायक शामिल हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि आरोपी कितने मौजूदा सांसद और विधायक हैं और कितने पूर्व हैं।

सीबीआई के कुल 121 लंबित मामले

वहीं, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से भी कुछ इसी तरह की एक रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें कहा गया है कि मौजूदा और पूर्व सांसदों/विधायकों के खिलाफ कुल 121 मामले लंबित हैं। उन मामलों में शामिल सांसदों की संख्या 51 है। जिनमें से 14 मौजूदा हैं और 37 पूर्व सांसद और 5 की मृत्यू हो चुकी है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सीबीआई के मामलों में 112 विधायक शामिल हैं, जिनमें से 34 वर्तमान हैं, 78 पूर्व और 9 मृत हैं।

फिलहाल लगाया जाता है 6 साल को प्रतिबंध

एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में मांग की गई है कि दोषी पूर्व या मौजूदा सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर भी आजीवन प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। याचिका में उनके खिलाफ मामलों के तेजी से निपटारे की भी मांग की गई है। अभी, दोषी राजनेताओं को छह साल के लिए चुनाव से प्रतिबंधित किया जाता है।

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