Parliament: राजनाथ सिंह ने विपक्ष के हंगामे पर उठाया सवाल, संसदीय मंत्री ने गिनाईं पुरानी घटनाएं
संसद की सुरक्षा में चूक के उच्च स्तरीय जांच के आदेश और सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए जरूरी उपाय किये जाने के बाद भी विपक्ष के हंगामे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सवाल उठाया। वहीं संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपराधिक कानूनों में संशोधनों से जुड़े तीन विधेयकों की अहमियत बताते हुए विपक्षी सांसदों से चर्चा में हिस्सा में लेने की अपील की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक के उच्च स्तरीय जांच के आदेश और सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए जरूरी उपाय किये जाने के बाद भी विपक्ष के हंगामे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी सांसदों ने एक स्वर में निंदा की है।
सत्तापक्ष और विपक्ष सभी सांसदों को दर्शक दीर्घा के लिए पास जारी करने में ज्यादा सावधानी बरतने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कागज फेंकने से लेकर इस तरह की घटनाएं पुराने संसद भवन में पहले भी चुकी हैं। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपराधिक कानूनों में संशोधनों से जुड़े तीन विधेयकों की अहमियत बताते हुए विपक्षी सांसदों से चर्चा में हिस्सा में लेने की अपील की।
जोशी ने साफ किया कि आजादी के बाद से ही दर्शक दीर्घा से कागज फेंकने, नारेबाजी करने समेत सदन के भीतर कूदने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं के बाद तत्कालीन लोकसभा अध्यक्षों ने सांसदों से राय मशविरा कर सुरक्षा खामियों की समीक्षा की है और जरूरी कदम उठाए हैं।
इस बार भी लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो चुकी है और साथ ही सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए कदम भी उठाये गए हैं। उन्होंने कहा,
सांसदों की सुरक्षा और संसद की गरिमा से जुड़े इस विषय पर सत्ता पक्ष और विपक्ष को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ काम करना चाहिए।
प्रह्लाद जोशी ने पुराने मामलों को किया जिक्र
प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा की सुरक्षा में चूक के कुछ पुराने मामले भी गिनाए, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया कि उनका उद्देश्य किसी पर ऊंगली उठाना नहीं है, बल्कि सिर्फ जानकारी दे रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने 11 अप्रैल, 1974 को संसद के बजट सत्र के दौरान रतनचंद्र गुप्ता द्वारा दो पिस्तौल और एक बम जैसी चीज लेकर दर्शक दीर्घा तक पहुंचने और पर्चे फेंकने के बारे बताया।
इस घटनाक्रम के तीन महीने बाद मानसून सत्र के दौरान विप्लव बसु नाम के व्यक्ति ने खंजर लेकर दर्शक दीर्घा में घुसने की कोशिश की थी। उसके बाद अगले शीतकालीन सत्र के दौरान 26 नवंबर को सत्यजीत सिंह विस्फोटक और खंजर लेकर दर्शक दीर्घा में पहुंच गया। 1999 में 10 और 11 जनवरी को बद्री प्रसाद और पुष्पेंद्र चौहान नाम के दो व्यक्ति ने दो दिन लगातार दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर छलांग दी थी। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की जांच और सुरक्षा की कमियों को दूर करने के साथ ही संसदीय कार्य में बाधा नहीं आयी।
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