Parliament Security Breach: सुरक्षा में सेंध पर आठ निलंबित, पास के साथ जांचे गए जूते भी; एजेंसियों ने बढ़ाई सक्रियता
संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिन लोगों को निलंबित किया गया है वे अलग-अलग एजेंसियों के हैं। गुरुवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने भी संसद भवन का दौरा करके सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सूत्रों के अनुसार कल शाम से गुरुवार दोपहर तक अलग-अलग स्तरों पर दस से अधिक बैठकें हो चुकी हैं।

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिन लोगों को निलंबित किया गया है, वे अलग-अलग एजेंसियों के हैं। इन्हें डिपुटेशन में संसद की सुरक्षा में लगाया गया है। इनमें वे चार लोग भी शामिल हैं, जो उस समय ठीक उसी दीर्घा में मौजूद थे जहां से दो युवकों ने सदन के भीतर छलांग लगाई थी।
बुधवार को लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो युवकों के एक के बाद एक कूदने के घटनाक्रम से स्तब्ध रह गईं सुरक्षा एजेंसियों ने अगले दिन अपनी सक्रियता और चौकसी भी बढ़ा दी। हर गेट पर कड़ी जांच के चलते लंबी लाइनें भी लगीं। पास जांचे गए, सघन तलाशी ली गई और जूते खुलवाए गए।
गौरतलब है कि लोकसभा में घुसपैठ करने वाले युवक जूतों में ही रंगीन गैस के कैनिस्टर क्रैकर छिपा कर ले गए थे। गेटों पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गई और केवल उन्हीं लोगों को उन गेटों से संसद भवन में प्रवेश का मौका मिला जिससे जाने के लिए वे अधिकृत थे। इसके अलावा मीडिया समेत सभी गैलरियों में सुरक्षाकर्मियों की सबसे आगे और ठीक पीछे वाली सीटों पर इस तरह तैनाती की गई कि वे हर व्यक्ति की हलचल पर नजर रख सकें। यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है, लेकिन हाल के दिनों में इसमें शिथिलता नजर आ रही थी।
कैबिनेट सचिव ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा
गुरुवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने भी संसद भवन का दौरा करके सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सुरक्षा के इंतजाम संसद भवन परिसर के बाहर भी अधिक थे। परिवहन भवन, जहां कल एक महिला समेत दो लोगों ने कैन क्रैकर के जरिये गैस छोड़ने के बाद नारेबाजी की थी, के बाहर बैरिकेड से आगे केवल उन्हीं लोगों को जाने दिया गया, जिनके पास पहचान पत्र और पास था। यही इंतजाम कृषि भवन और आसपास के दूसरे सरकारी संस्थानों के बाहर भी थे।
गेटों पर रही काफी अफरातफरी
संसद भवन में सांसदों के लिए आरक्षित मकर द्वार पर तमाम अधिकारियों को भी रोका गया। इसके चलते साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच गेटों पर काफी अफरातफरी भी रही। मकर द्वार के बाहर मीडिया के लिए भी तमाम तरह की बंदिशें लगाई गईं, खासकर फोटो खींचने या वीडियो बनाने को प्रतिबंधित किया गया। सुरक्षाकर्मियों को अहसास था कि उनसे कल एक गलती हो गई और इसका बहुत गलत संदेश गया, खासकर नए संसद भवन की भव्यता और सुरक्षा के उपायों को लेकर। एजेंसियों के बीच इस घटनाक्रम की जवाबदेही तय करने की बहस भी चल रही है।
सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा,
अगर दीर्घा में मौजूद कर्मियों ने युवकों को रोकने के लिए तुरंत सक्रियता दिखाई होती तो इस घटना को रोका जा सकता था या इसकी गंभीरता कम की जा सकती थी।
सुरक्षा एजेंसियों की बैठकों का सिलसिला जारी
अधिकारी ने कहा कि यह सिक्योरिटी ब्रीच का मामला तब होता जब अनधिकृत व्यक्ति या व्यक्तियों ने प्रवेश लिया होता। यह निगरानी और चौकसी में कमी का नतीजा है। सुरक्षा तंत्र से गंभीर छेड़छाड़ के बाद जांच-पड़ताल का दौर भी जारी है और सुरक्षा एजेंसियों की बैठकों का सिलसिला भी।
सूत्रों के अनुसार, कल शाम से गुरुवार दोपहर तक अलग-अलग स्तरों पर दस से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। तलाशी से लेकर निगरानी के मौजूदा तौर-तरीकों पर सख्ती से अमल के लिए नई प्रक्रियाओं के गठन पर भी काम चल रहा है। एक अधिकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में कई नई चीजें दिखेंगी।
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