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    ऑपरेशन सिंदूर से पीएम मोदी की छवि पर हुआ कैसा असर? सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

    By Agency Edited By: Deepti Mishra
    Updated: Mon, 19 May 2025 07:43 PM (IST)

    Operation Sindoor ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एक सर्वे कराया गया जिसमें जनता ने पीएम मोदी की लोकप्रियता भारत की वैश्विक छवि और जनता का सरकार पर विश्वास जैसे कई सवालों पर जनता ने अपना पक्ष रखा है। 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को सबक सिखाने में पूरी तरह सफल रहा।

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    ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वे में क्‍या है जनता की राय। पीएम मोदी फाइल फोटो

    आईएएनएस, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर  की सफलता का सिंदूरी रंग भारतीय जनमानस पर भी चढ़ गया है। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकी हमले के प्रति मोदी सरकार की सैन्य कार्रवाई के प्रति जनता का भारी समर्थन है। इस हवाई हमले ने न केवल व्यापक स्वीकृति प्राप्त की है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय छवि को भी काफी मजबूत किया है। यह हम नहीं कह रहे हैं, हाल में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है।

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    यह जनमत सर्वेक्षण 9 से 15 मई के बीच विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में किया गया, जिसमें भारत भर से 7,463 उत्तरदाताओं का चयन किया गया। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को सबक सिखाने में पूरी तरह सफल रहा, जबकि 18 प्रतिशत ने इसे आंशिक रूप से सफल माना। केवल नौ प्रतिशत लोगों ने इसे असफल बताया।

    क्‍या परमाणु हथियार रखने के बावजूद पाकिस्तान आतंकी ठिकानों को तबाह करना उपलब्धि है?

    इसके जवाब में 72 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने  पाकिस्तान के क्षेत्र में बिना प्रवेश कर आतंकी ठिकानों को तबाह करने को 'सदी की बड़ी सफलता'' करार दिया, जबकि 78 प्रतिशत ने सहमति जताई कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु निरोधक ढाल को सफलतापूर्वक भेद दिया है।

    पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ी

    सर्वेक्षण में यह भी उजागर हुआ है कि ऑपरेशन का भारत की वैश्विक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। 74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऑपरेशन के बाद पीएम मोदी की नागरिकों के बीच लोकप्रियता बढ़ी है।

    73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि मजबूत हुई है, और 69 प्रतिशत का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक मंच पर व्यक्तिगत छवि भी मजबूत हुई है।

    विपक्षी दलों के सवाल को माना राजनीति से प्रेरित

    विपक्षी दलों ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठाए हैं। 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इन सवालों और आलोचनाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया। कहा कि ये सवाल राजनीति से प्रेरित हैं।

    आधे से अधिक प्रतिभागियों (57%) का मानना है कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रहा है। केवल 27 प्रतिशत ने महसूस किया कि उठाए गए सवाल उचित थे।

    संसद के विशेष सत्र पर क्‍या बोले लोग?

    दिलचस्प बात यह है कि 45 प्रतिशत ने विपक्ष की संसद के विशेष सत्र की मांग से असहमति जताई, जबकि 33 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया। सर्वेक्षण में आतंकवाद से निपटने में सरकार की क्षमता पर मजबूत सार्वजनिक विश्वास पाया गया।

    92 प्रतिशत ने कहा कि वर्तमान प्रशासन मजबूत से आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करने में सक्षम है। जबकि 84 प्रतिशत ने कहा कि ऑपरेशन ने सेना और सरकार पर उनके विश्वास को बढ़ाया है।

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    मोदी पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम

    नेतृत्व की ताकत के संदर्भ में एक तुलनात्मक प्रश्न में 42 प्रतिशत ने नरेंद्र मोदी को इंदिरा गांधी पर प्राथमिकता दी, जबकि 29 प्रतिशत ने पूर्व प्रधानमंत्री का चयन किया।

    जब पूछा गया कि उन्हें कौन ''पाकिस्तान को सबक सिखाने'' में सबसे सक्षम लगता है, तो 70 प्रतिशत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिया, जबकि अन्य सभी राष्ट्रीय नेताओं- राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को एकल अंकों में समर्थन मिला।

    79 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार को अब तक की सबसे कठिन निर्णय लेने वाली प्रशासन माना। जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम के बारे में पूछा गया तो 76 प्रतिशत ने इस नाम का समर्थन किया, जो प्रतीकात्मक और रणनीतिक स्वीकृति को दर्शाता है।

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