65 हजार गांवों के सवा करोड़ किसानों से होगा सीधा संवाद, 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत केंद्र सरकार का क्या है प्लान?
केंद्र सरकार 29 मई से 12 जून तक विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाएगी। इसका उद्देश्य कम लागत में अच्छी पैदावार के लिए 1.30 करोड़ किसानों तक पहुंचना है। कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ 65 हजार से अधिक गांवों में जाकर किसानों को जलवायु मिट्टी और सिंचाई के अनुसार उचित फसल बीज खाद व तकनीक की जानकारी देंगे। यह अभियान हर साल खरीफ और रबी फसलों की बुआई से पहले चलाया जाएगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कम रकबा और न्यूनतम लागत में अच्छी पैदावार के लिए केंद्र सरकार देश भर में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' चलाने जा रही है। 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस अभियान में लगभग 1.30 करोड़ किसानों से सीधा संवाद होगा, जो देश में कृषि नवाचार और जागरूकता को नई दिशा देगा। यह पीएम मोदी के लैब टू लैंड (प्रयोगशाला से खेत तक) विजन को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों, राज्य सरकारों, एफपीओ एवं प्रगतिशील किसानों की 2170 टीमें देशभर के 65 हजार से अधिक गांवों में जाकर किसानों को स्थानीय जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता, पोषक तत्व, वर्षा एवं सिंचाई की स्थिति के अनुसार किसानों को उचित फसल, बीज, खाद व तकनीक की जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक टीम में कम से कम चार वैज्ञानिक होंगे।
हर साल चलाया जाएगा अभियान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मीडिया को बताया कि वैज्ञानिक ज्ञान को खेतों तक पहुंचाकर पैदावार बढ़ाने एवं लागत घटाने का यह अभियान खरीफ एवं रबी फसलों की बुआई से पहले हर वर्ष चलाया जाएगा। उन्नत खेती की जानकारी दी जाएगी। अज्ञानता में कई किसान अक्सर वैसी खादों का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे मिट्टी की सेहत बिगड़ जाती है। लागत भी बढ़ जाती है। अभियान के जरिए उन्हें उचित मात्रा में उर्वरक के उपयोग के बारे में बताया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के 'जय अनुसंधान' के नारे को आगे बढ़ाते हुए सरकार का प्रयास है कि वैज्ञानिक साल भर लैब में रहकर काम करेंगे और एक महीना किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनकर समाधान देंगे। किसान उनसे अपनी समस्याएं साझा करेंगे। उसके आधार पर सरकार शोध की दिशा तय करेगी कि क्षेत्र के किसानों की ये समस्या है, ये दिक्कतें आ रही हैं, इन कीटों का प्रकोप होता है तो उससे बचने के लिए क्या करें।
नवाचार को मिलेगी नई दिशा: शिवराज सिंह चौहान
कृषि मंत्री ने कहा कि इससे खेती में नवाचार को नई दिशा मिलेगी। अभियान 723 जिलों में चलाया जाएगा। इसमें 731 कृषि विज्ञान केंद्र और आइसीएआर के 113 संस्थान सक्रिय रहेंगे। टीमों में कृषि, बागवानी, पशु एवं मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास भारत को फूड बास्केट आफ द वर्ल्ड के रूप में विकसित करना है।
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