एआई की 'चाल' से घबराए ओपनएआई के सीईओ सैम, पांच करोड़ की नौकरी का किया एलान
ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन ने एआइ के बढ़ते खतरों के प्रति चिंता व्यक्त की है। उन्होंने 'हेड ऑफ प्रिपेयर्डनेस' पद के लिए भर्ती की घोषणा की है, जिसका सा ...और पढ़ें
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एआई की 'चाल' से घबराए ओपनएआई के सीईओ सैम।
जागरण न्यूज, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के तेजी से बढ़ते दायरे और उसके संभावित दुष्प्रभावों को लेकर अब खुद ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'हेड ऑफ प्रिपेयर्डनेस' नाम के एक अहम पद के लिए भर्ती का एलान किया है, जिसका मकसद एआई से पैदा होने वाले खतरों को समय रहते पहचानना और उनसे निपटना होगा।
इस पद के लिए करीब 5.55 लाख डॉलर (लगभग पांच करोड़ रुपये, इक्विटी अलग से) का सालाना पैकेज प्रस्तावित किया गया है। कंपनी ने भी पहली बार खुले तौर पर माना है कि एआई के मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी उतने ही गंभीर हैं, जितने तकनीकी खतरे। सैम आल्टमैन ने साफ किया कि यह एक बेहद तनावपूर्ण जिम्मेदारी होगी। चयनित व्यक्ति को यह समझना होगा कि एआई किस तरह खतरनाक रूप ले सकता है और उसे कैसे नियंत्रित किया जाए।
उनके मुताबिक, सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एआई की ताकत का इस्तेमाल कर सकें, लेकिन हैकर्स और हमलावर इसका दुरुपयोग न कर पाएं। नया अधिकारी ओपनएआई की जोखिम से निपटने की पूरी रणनीति संभालेगा और साइबर सुरक्षा, जैव सुरक्षा तथा खुद को बेहतर बनाने वाले एआइ सिस्टम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर खास नजर रखेगा।
बढ़ रहे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मामले एआई की तमाम खूबियों के बीच हाल के महीनों में इससे जुड़ी नकारात्मक घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में एआई चैटबॉट्स की भूमिका पर सवाल उठे हैं। कुछ मामलों में आरोप लगे हैं कि एआई की सलाह ने हिंसक घटनाओं और आत्मघाती प्रवृत्तियों को बढ़ावा दिया।
बता दें कि चैटजीपीटी को लेकर कई मुकदमे सामने आए हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि एआई चैटबॉट ने किशोरों में आत्महत्या जैसे मामलों में भूमिका निभाई या लोगों के भ्रम और साजिशी सोच को बढ़ावा दिया। एक व्यक्ति के मर्डर-सुसाइड से जुड़े आरोप भी लगाए गए हैं।
कंप्यूटर में घुसने के रास्ते खोज चुका है एआई
आल्टमैन ने एक्स पर लिखा कि एआई एजेंट बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं, जिससे गंभीर चुनौतियां सामने आ रही हैं। उन्होंने माना कि एआई आधारित साइबर हथियार भविष्य में बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसी कारण ओपनएआई अब सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन पर पहले से ज्यादा जोर दे रहा है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि एआई एजेंट एक उभरती हुई समस्या बन चुके हैं।
ओपनएआई के अनुसार, उसके कुछ उन्नत एआई मॉडल अब कंप्यूटर सुरक्षा प्रणालियों में गंभीर कमजोरियां पहचानने लगे हैं। एआई से होने वाले साइबर खतरों की आशंका के बीच यह भर्ती और अहम मानी जा रही है।
हाल ही में ओपनएआई की प्रतिद्वंद्वी कंपनी एंथ्रोपिक ने दावा किया था कि चीन से जुड़े हैकर्स ने उसके एआई टूल का इस्तेमाल कर दुनियाभर के करीब 30 संस्थानों- टेक कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी एजेंसियों- पर साइबर हमले किए, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप बेहद कम था।

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