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    Shubhanshu Shukla: अब आठ जून को स्पेस स्टेशन जाएंगे शुभांशु शुक्ला, जानिए क्यों हो रही Axiom 4 Mission में देरी

    Updated: Thu, 15 May 2025 08:41 PM (IST)

    भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आठ जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे। एक्सिओम-4 मिशन में वह अमेरिका हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्रियों के साथ शामिल होंगे। आईएसएस में वह 14 दिन रहेंगे और सात प्रयोग करेंगे जिनमें भारतीय खाद्य पदार्थों का परीक्षण भी शामिल है। उन्हें गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है।

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    अब आठ जून को स्पेस स्टेशन जाएंगे शुभांशु शुक्ला। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आठ जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) के सफर पर रवाना होंगे। एक्सिओम-4 मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्री भी शामिल होंगे।

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    तीन अन्य अंतरिक्षयात्री भी स्पेस स्टेशन जाएंगे। वह आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय होंगे। राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं।

    आखिर मिशन में क्यों हो रही देरी?

    एक्सिओम-4 मिशन को 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन इस मिशन में देरी हुई है। अब यह मिशन आठ जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे लांच किया जाएगा। अमेरिका स्थित वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा ने यह घोषणा की है।

    ISS में 14 दिन रहेंगे शुभाशु शुक्ला

    शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के 'ड्रैगन' अंतरिक्षयान से उड़ान भरेंगे। वह आईएसएस में 14 दिन रहेंगे। इस दौरान वह इस दौरान वह सात प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में भारत के पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे कि मेथी और मूंग को अंतरिक्ष में अंकुरित करने का परीक्षण भी शामिल है। इसरो के अंतरिक्ष में बीजों को अंकुरण प्रयोग का उद्देश्य सूक्ष्मगुरुत्व या माईक्रोग्रैविटी में फसल के बीजों के अंकुरण और वृद्धि का परीक्षण करना है।

    भारत भी स्थापित करेगा अपना अंतरिक्ष स्टेशन

    गौरतलब है कि इसरो भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन को वर्ष 2035 तक स्थापित करने और 2047 तक मानव को चंद्रमा पर भेजने की योजना पर काम कर रहा है।इस मिशन में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) के अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज्नांस्की शामिल हैं, जो 1978 के बाद पोलैंड के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। वहीं, टिबोर कपु 1980 के बाद हंगरी के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी। यह उनका दूसरा वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। व्हिटसन सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली अमेरिकी अंतरिक्षयात्री हैं।

    गगनयान मिशन के लिए भी हुआ है ग्रुप कैप्टन शुक्ला का चयन

    शुभांशु शुक्ला को इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए भी शार्टलिस्ट किया गया है। गगनयान अभियान में पृथ्वी की 400 किलोमीटर पर स्थित निचली कक्षा में अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। इसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी भी कराई जाएगी।

    एक्सिओम-4 मिशन के तहत उनकी यात्रा से उन्हें अंतरिक्ष उड़ान संचालन आपातकालीन तैयारियों के लिए व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। शुभांशु शुक्ला के पास दो हजार घंटे विमान उड़ाने का अनुभव है। इनमें सुखोई -30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं।

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