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    स्पेस स्टेशन में फसल उगाएंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, क्या है टार्डिग्रेड्स? जिस पर ISRO का है फोकस

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 10:07 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में 14 दिन बिताएंगे। इस दौरान वह अंतरिक्ष में फसल उगाने और टार्डिग्रेड्स या वाटर बियर पर शोध करेंगे। टार्डिग्रेड्स छोटे जीव हैं जो चरम स्थितियों में जीवित रहने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। आईएसएस पर टार्डिग्रेड्स के अस्तित्व और प्रजनन क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।

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    भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने एक्सिओम-4 मिशन के तहत ISS जाएंगे।(फोटो सोर्स: फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) की यात्रा करेंगे। वह आइएसएस में 14 दिन रहेंगे। इस दौरान फसल उगाने और अंतरिक्ष में वाटर बियर या टार्डिग्रेड्स पर भी शोध करेंगे। वह आइएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय होंगे।

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    राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के सहयोग से मई अंत में निर्धारित एक्सिओम-4 (एक्स-4) के दौरान सात प्रयोग करेगा। मिशन में अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्री भी शामिल होंगे।

    सलाद के बीजों को अंकुरण प्रयोग का क्या है उद्देश्य?

    नासा और बायोसर्व स्पेस टेक्नोलाजीज के सहयोग से इसरो के अंतरिक्ष में सलाद के बीजों को अंकुरण प्रयोग का उद्देश्य सूक्ष्मगुरुत्व या माइक्रोग्रैविटी में फसल के बीजों के अंकुरण और वृद्धि का परीक्षण करना है। इस परियोजना का उद्देश्य अंतरिक्षयात्रियों के लिए विश्वसनीय खाद्य स्त्रोत सुनिश्चित करना है।

    मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्री टार्डिग्रेड्स या वाटर बियर पर भी शोध करेंगे। वाटर बियर छोटे जीव हैं और चरम स्थितियों में जीवित रहने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। टार्डिग्रेड्स लगभग 60 करोड़ वर्षों से पृथ्वी पर मौजूद हैं। आइएसएस पर टार्डिग्रेड्स के अस्तित्व और प्रजनन क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।

    माइक्रोग्रैविटी में इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले का भी होगा परीक्षण

    अंतरिक्षयात्री माइक्रोग्रैविटी में इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले का भी परीक्षण करेंगे। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में कंप्यूटर स्क्रीन के उपयोग के प्रभावों को समझना है। इस शोध से पता चलेगा कि माइक्रोग्रैविटी में इशारा करना, टकटकी लगाना और तेजी से आंखों की हरकतें कैसे प्रभावित होती हैं।

    मिशन के दौरान खाद्य माइक्रोएल्गी की तीन प्रजातियों की वृद्धि, आनुवंशिक गतिविधि पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा। अन्य परियोजनाओं के तहत सायनोबैक्टीरिया और अंतरिक्ष में मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा। 

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