Nipah Virus Kerala: केरल के कोझिकोड में एक और निपाह संक्रमित मिला, बढ़ रहे मामलों के बीच अलर्ट मोड पर सरकार
Nipah Virus Kerala केरल में निपाह वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है। राज्य सरकार वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है। इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय के हवाले से बताया है कि कोझिकोड के एक अस्पताल में एक निपाह वायरस संक्रमित की पाया गया है। 39 साल के संक्रमित मरीज को निगरानी में रखा गया है।
कोझिकोड, एजेंसी। केरल में निपाह वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है। राज्य सरकार वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है। इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय के हवाले से बताया है कि कोझिकोड के एक अस्पताल में एक निपाह वायरस संक्रमित की पाया गया है। 39 साल के संक्रमित मरीज को निगरानी में रखा गया है।
वायरस के प्रसार को देखते हुए कोझिकोड जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में 16 सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है, लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। इस बीच निपाह से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध एकमात्र प्रायोगिक इलाज ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी’ को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने राज्य में पहुंचा दिया है।
Kerala | One more case of Nipah virus confirmed in a 39-year-old man who is under observation in a hospital in Kozhikode: Health Minister's Office
— ANI (@ANI) September 15, 2023
वायरस से 9 वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर
कोझिकोड में इस वायरस के संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन अन्य लोग पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमितों में से एक 9 वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर है। इसके साथ ही कोझिकोड में निपाह वायरस के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है।
‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी’ के केरल पहुंचने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि एंटीवायरल की स्थिरता के बारे में केंद्रीय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा की गई थी। आगे की कार्रवाई पर फैसला विशेषज्ञ समिति करेगी।
केंद्र के साथ हुई बैठक
मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम सब मिलकर इस स्थिति से निपट सकते हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच एक बैठक भी हुई है। एम102.4 मोनोक्लोनल एंटीबाडी को कोझिकोड में 2018 में निपाह संक्रमण के दौरान संक्रमितों के इलाज के लिए आयात किया गया था। तब इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था क्योंकि इसके आने तक वायरस का संक्रमण खत्म हो चुका था।
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