नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) हिमालय के ऊपरी इलाकों में विशेष पर्वतारोहण टीम स्थाई रूप से तैनात करने पर विचार कर रहा है, ताकि वे हिमस्खलन, भूस्खलन और हिमनद झील के फटने से बाढ़ आदि के दौरान तेजी से बचाव अभियान शुरू करने के लिए तैयार हो सकें।
कई उपाय किए गए शुरू
एनडीआरएफ ने देश के उत्तरी क्षेत्र में इन पर्वत श्रृंखलाओं में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए अपने बलों को तैयार करने की खातिर कई उपाय शुरू किए हैं।
क्या कहना है विशेषज्ञों
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में इन पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन और विकास संबंधी गतिविधियों के कारण प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी की आशंका है। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि बल पर्वतीय क्षेत्रों में आपदाओं से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है, क्योंकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के होने का गंभीर खतरा है। उन्होंने यह बात बल के 18वें स्थापना दिवस पर आयोजित पहाड़ों में आपदा प्रबंधन विषय पर एक सत्र के दौरान कही।
आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने की आशंका
करवाल ने कहा कि उत्तराखंड में 2013 में अचानक आई बाढ़, फरवरी, 2021 में सीमावर्ती शहर चमोली में हिमनद झील के फटने से आई बाढ़ और जोशीमठ तथा इसके आसपास के इलाकों में जमीन धंसने की हाल की घटनाएं ऐसी हैं, जो पर्वतीय इलाकों में हुई हैं। इस तरह की आपदाओं के पहले से कहीं अधिक और विकराल रूप लेने की आशंका है। इसलिए एनडीआरएफ को इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
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