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    क्‍या अमेरिका की बात मानेगा भारत, एक समझौता और बड़ा बाजार; ट्रंप-मोदी की मुलाकात में कैसे निकलेगा हल?

    ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से ही भारत पर जयादा आयात शुल्क लगाने का आरोप लगाते हुए टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं। PM मोदी की आगामी अमेरिकी यात्रा में टैरिफ समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत और अमेरिका के बीच कितना व्‍यापार होता है ट्रंप भारत से क्‍या चाहते हैं और क्‍या भारत ट्रंप की मांग मानेंगे? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें..

    By Deepti Mishra Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 30 Jan 2025 09:06 PM (IST)
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    ट्रंप की टैरिफ धमकियां और PM मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा। जागरण ग्राफिक्‍स टीम

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। Trump’s Tariff Threats and Modi’s Upcoming Visit: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप निर्वाचित होने के बाद से लगातार टैरिफ बढ़ाने की धमकियां दे रहे हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील को सबसे ज्यादा शुल्क लगाने वाले देश करार दे दिया है। ट्रंप का कहना है कि उनका प्रशासन 'अमेरिका फर्स्ट' यानी अमेरिका पहले की नीति पर काम करेगा।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से मुलाकात करने अमेरिका जा रहे हैं।  इस दौरान टैरिफ समेत कई मुद्दों पर बात होगी। लोगों को उम्मीद है कि पीएम मोदी अमेरिकी यात्रा और ट्रंप से मुलाकात  के दौरान इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे।

    भारत और अमेरिका के बीच कितना व्‍यापार होता है, ट्रंप भारत से क्‍या चाहते हैं और क्‍या भारत ट्रंप की मांग मानने को तैयार है? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब यहां पढ़ें.. 

    भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-2024 में दोनों देशों के बीच व्यापार 118 अरब डॉलर से ज्यादा रहा। इस अवधि में भारत ट्रेड सरप्लस 41 अरब डॉलर का रहा। कंपनियों व उद्योगपतियों को

    आशंका है कि अमेरिका कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे भारतीय निर्यात पर अधिक टैरिफ लगा सकता है।  टैरिफ में किसी भी बढ़ोतरी से अमेरिकी बाजार में भारत के निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है।

    ट्रंप के कदम से निर्यात पर पड़ेगा असर?

    ट्रंप प्रशासन की ओर से भारतीय निर्यात जैसे- टेक्सटाइल और फार्मास्यूटिकल्स पर अधिक टैरिफ लगाने की आशंका जताई जा रही है। इसकी पीछे का डर यह भी है कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान  एल्यूमीनियम और स्टील भंयकर टैरिफ लगा दिया था।  

    नतीजन, भारत समेत अन्य देशों ने प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करते हुए टैरिफ बढ़ाया, जिसका असर कंपनियों और उद्योगपतियों पर पड़ा था। साल 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, ट्रंप प्रशासन ने एल्यूमीनियम और स्टील पर उच्च टैरिफ लगाया, जिसके कारण भारत सहित प्रभावित देशों ने जवाबी कार्रवाई की।

    अमेरिका संग कितना व्‍यापार करता है भारत है?

    अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो भारत के लिए अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है। भारत के कुल निर्यात का करीब 17 प्रतिशत अमेरिका में हो रहा है।

    2023-24 में भारत ने सिर्फ अमेरिका में 77.5 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुएं निर्यात कीं, जो अगले तीन बड़े देशों को निर्यात किए गए सामान की कीमत के बराबर है। यह व्यापार 2024-25 में भी जारी है।

    भारत के निर्यात की तुलना में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी अमेरिका से आयात बहुत कम होता है, यह 6 प्रतिशत के करीब है। अमेरिका से आयात में पिछले साल की तुलना में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। यानी कि 42.2 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था।

    आयात और निर्यात के बीच इस असंतुलन के चलते भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ गया है, जिससे ट्रंप के टैरिफ खतरों को बढ़ावा मिला है।

    भारत और अमेरिका के बीच किसका व्यापार होता है?

    अमेरिका से आयात होता है ये सामन

    • पेट्रोलियम क्रूड और उत्पाद
    • मोती और कीमती पत्थर
    • आर्टिफिशियल गहने  
    • पावर प्लांट उपकरण - परमाणु रिएक्टर और बॉयलर
    • इलेक्ट्रिकल मशीनरी
    • विमान
    • चिकित्सा उपकरण
    • सैन्य उपकरण

    अमेरिका को निर्यात किया जाता है ये सामान

    • पेट्रोलियम उत्पाद
    • दवाइयों के फॉर्मूलेशन
    • मोती/कीमती पत्थर
    • टेलीकॉम उपकरण
    • इलेक्ट्रिकल मशीनरी
    • परिधान और कपड़े।

    ट्रंप भारत से क्या चाहते हैं?

    अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी सामानों पर लगाए जा रहे टैरिफ को कम करे। साथ ही अमेरिका से ज्यादा सामान खरीदे। हाल में राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से अमेरिका निर्मित रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है।

    आपको बता दें कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में टैरिफ कम करने की मांग करते हुए बार-बार भारत द्वारा हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों पर लगाए जा रहे ज्यादा शुल्क का हवाला दिया था। फिर 2019 में  भारत ने शुल्क में कटौती करने के साथ ही इस मोटरसाइकिल का निर्माण देश में कराना भी शुरू कर दिया था।

    ट्रंप के पहले कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो वे टैरिफ करने की मांग करने के दौरान ज्यादा टैरिफ कहां और किस सामान पर लगाया जा रहा है, इसका जिक्र भी करते हैं।

    क्‍या है ट्रंप का विरोध?

    अमेरिका में औसत आयात शुल्क 3.3% लगता है। जबकि भारत में यह 18% है। भारत में व्हिस्की और वाइन जैसी कुछ वस्तुओं पर 150% और कारों पर 125% तक आयात शुल्क लगता है। इसके बावजूद भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का अनुपालन करता है।

    क्‍या भारत टैरिफ कम करेगा?

    भारत अमेरिका से आयात होने वाली वस्तुओं पर उतना ही टैरिफ लगाता है, जितना किसी भी अन्‍य देश से आयात होने वाली वस्तुओं पर लागू होता है। सिर्फ उन देशों को छोड़कर जिनके साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हो रखा है। हां अगर अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच एफटीए हुआ होता तो भारत अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने पर सहमत हो सकता था।

    इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी (आईपीईएफ) हस्ताक्षरकर्ता देशों के सामानों पर कर व अन्‍य मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन आईपीईएफ में टैरिफ कटौती शामिल नहीं है।

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    क्‍या भारत अमेरिका से ज्‍यादा सामान खरीद सकता है?

    भारत और अमेरिका के बीच व्यापार ज्यादातर निजी कंपनियों के बीच होता है और इसका निर्धारण व्यावसायिक शर्तों के आधार पर होता है। अमेरिका चाहता है कि भारत उससे अधिक हथियार खरीदे और पेट्रोलियम क्रूड। हालांकि, भारत अमेरिकी तेल कंपनियों से पेट्रोलियम क्रूड तभी अधिक खरीदेगा, जब वे UAE और रूस जैसे देशों से बेहतर सौदे प्रदान करें।

     व्‍यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति को केवल व्यापार घाटे पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय समग्र आर्थिक संबंधों पर विचार करना चाहिए।  ट्रंप को यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिकी टेक कंपनियों, वित्तीय सेवाओं और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है।

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    Source: 

    -जागरण नेटवर्क

    -संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि का कार्यालय: https://ustr.gov/

    -इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन : https://www.commerce.gov.in/