"SIT खुद को ही क्यों गुमराह कर रही है?" ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर एसआईटी से सवाल पूछे। प्रोफेसर अली के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सोशल मीडिया पोस्ट के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट ने एसआईटी को जांच रिपोर्ट के लिए चार हफ्ते का समय दिया और प्रोफेसर अली को जमानत में रियायत दी। कोर्ट ने एसआईटी को जांच एफआईआर तक सीमित रखने की सलाह दी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने SIT से सवाल पूछा है। प्रोफेसर अली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ 2 FIR दर्ज की गई थी।
इस पूरे मामले की जांच SIT कर रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए SIT को फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली को जमानत की शर्तों में भी रियायत दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची ने इस मामले पर सनवाई करते हुए SIT को अपनी जांच FIR के आरोपों तक सीमित रखने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर अली की पोस्ट पर शिकायत दर्ज हुई थी, इसलिए बेहतर होगा कि SIT अपनी जांच पोस्ट पर केंद्रित करे। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को 4 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा-
हम पूछना चाहते हैं कि SIT खुद को क्यों गुमराह कर रही है। उन्हें पोस्ट में लिखे कंटेंट की जांच करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे सवाल
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने कहा कि जब प्रोफेसर अली जांच में सहयोग कर रहे थे, तो उनके फोन समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को क्यों सील कर दिया गया? उन्हें बार-बार समन भेजने की क्या जरूरत है? सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली की जमानत की शर्ते आसान करते हुए उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने की इजाजत दे दी है। हालांकि, वो इस केस से जुड़ी कोई भी चीज सोशल मीडिया पर साझा नहीं कर सकते हैं।
21 मई को मिली थी जमानत
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रोफेसर अली ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ 2 FIR दर्ज करवाई गई थीं। 18 मई को पुलिस ने प्रोफेसर अली को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 21 मई को उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई थी।
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