भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाएंगे स्टार्टअप, 2030 तक जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी 30% होगी

यहीं नहीं एक समय पहले हम इस बात को लेकर जश्न मनाते थे कि सिलिकॉन वैली में अमुक स्टॉर्टअप का प्रमुख भारतीय मूल का है लेकिन आज नया दौर है नया भारत है जह...और पढ़ें
जागरण न्यू मीडिया में एग्जीक्यूटिव एडिटर के पद पर कार्यरत। दो दशक के करियर में इन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार ...और जानिए
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ विवेक तिवारी। भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम समय के साथ काफी मैच्योर और मजबूत हुआ है। पूरी दुनिया इस समय मैक्रोइकोनॉमिक मुश्किलों से गुजर रही है। इसके बावजूद मेरा मानना है कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए इससे अच्छा समय कोई नहीं हो सकता। खुद गूगल जैसी कंपनी भी ऐसे ही दौर में बनाई गई थी। यह बात गूगल फॉर इंडिया इवेंट के दौरान गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने कही। मप्र स्टार्टअप कॉन्क्लेव में इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कम समय में देश में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल गई है। दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम भारत में है, यूनिकॉर्न हब में भी हम एक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। भारत में स्टार्टअप का जितना बड़ा वॉल्यूम है उतनी ही बड़ी डायवर्सिटी भी है। कमोबेश बीते कुछ सालों में भारत का स्टॉर्टअप ईकोसिस्टम मजबूत और स्वर्णिम कहानी लिख रहा है। यहीं नहीं एक समय पहले हम इस बात को लेकर जश्न मनाते थे कि सिलिकॉन वैली में अमुक स्टॉर्टअप का प्रमुख भारतीय मूल का है, लेकिन आज नया दौर है, नया भारत है जहां स्टॉर्टअप भारत के लोगों द्वारा खोले जा रहे हैं। हमारे देश में एक जमाने पहले सबसे अधिक आईटी के स्टॉर्टअप हुआ करते थे, लेकिन अब स्पेस समेत अन्य क्षेत्रों में भी स्टॉर्टअप बड़ी संख्या में खुल रहे हैं।
भारत सरकार ने देश को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पिछले कुछ सालों में भारतीय युवाओं ने अपनी उद्यमिता का शानदार प्रदर्शन किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बताया कि भारत में स्टार्टअप का सक्सेस रेट बाकी दुनिया की तुलना में कहीं ज्यादा है। केंद्र सरकार ने स्टार्टअप को फलने-फूलने का बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी।
स्टॉर्टअप की संख्या में 185 गुना इजाफा, यूनिकॉर्न में अमेरिका और चीन के बाद भारत
देश में मान्यता प्राप्त स्टॉर्टअप 2016 में 452 थे। ये बढ़कर 30 नवंबर, 2022 तक 84,012 हो चुके हैं। पिछले 6 सालों में स्टार्टअप की संख्या में लगभग 185 गुना इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं अगर यूनिकॉर्न की बात करें तो भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। Hurun Global Unicorn Index 2022 के मुताबिक जनवरी से जुलाई 2022 के बीच भारत के 14 स्टार्टअप यूनिकॉर्न (यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहा जाता है जिनकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर के पार निकल जाए) बने, जबकि इसी अवधि में चीन के सिर्फ 11 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने। यूनिकॉर्न की कुल संख्या के हिसाब से अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर है।
“जब साइबर अटैक एआई-पावर्ड हो गए हैं तो सुरक्षा भी एआई-पावर्ड होनी चाहिए”
कुछ वस्तुओं पर ऊंची टैक्स दर से अवैध बाजार को मिला बढ़ावा, GST 2.0 से इसमें आएगी कमीः फिक्की रिपोर्ट
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में श्रेष्ठता के लिए AI का टार्गेटेड उपयोग जरूरीः नीति आयोग
सब्सक्रिप्शन प्लान के ज़रिये जागरण PRIME का हिस्सा बनें और प्रीमियम अनुभव पाएं
गहन रिसर्च, विशेषज्ञों से बातचीत और विश्लेषण पर आधारित कंटेंट
प्रीमियम ऑफ़लाइन इवेंट्स,और मेंबर्स-ओनली कॉन्फ्रेंस के लिए विशेष निमंत्रण पाएं
रोज़ाना पाइए जागरण अख़बार का ई-पेपर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।