दस सालों में छह गुना बढ़ा रेल बजट, इस साल भी दिल खोल कर पैसा मिलने की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट के साथ रेलवे के लिए भी बजट का ऐलान करेंगी। केंद्र सरकार देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने...और पढ़ें
विवेक तिवारी जागरण न्यू मीडिया में एसोसिएट एडिटर हैं। लगभग दो दशक के करियर में इन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार् ...और जानिए
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट के साथ रेलवे के लिए भी बजट का ऐलान करेंगी। केंद्र सरकार देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने की योजना के तहत काम कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने जो रणनीति तैयार की है उसमें रेलवे को ग्रोथ इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। इसी के चलते सरकार ने पिछले 10 सालों में रेलवे का बजट लगभग छह गुना तक बढ़ा दिया है। 2014 में जहां रेलवे का बजट लगभग 40 हजार करोड़ रुपये था वहीं पिछले बजट में ये 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे के प्रोजेक्टों के लिए इस बजट में भी दिल खोल कर पैसा मिलेगा। हालांकि इस बार रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कवच (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम ) को पूरे देश में लगाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जा सकता है। वहीं रेलवे के देरी से चल रहे प्रोजेक्टों को समय से पूरा करने के लिए भी इस बजट में कुछ प्रावधान किए जा सकते हैं। वहीं इस बजट में स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने को लेकर ऐलान किया जा सकता है। वित्त मंत्री वरिष्ठ नागरिकों को कोविड के पहले किराए में मिलने वाली छूट को फिर से बहाल करने का ऐलान कर सकती हैं।
पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए काफी पैसा खर्च किया है। नई पटरियां बिछाने के साथ ही रेलवे की माल ढुलाई की क्षमता को बढ़ाने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर को विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर बजट का आवंटन किया गया है लेकिन हाल ही में ओडिशा के बालासोर और उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए रेल हादसों के बाद सुरक्षित रेल यात्रा को लेकर फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं। रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य रहे विजय दत्त कहते हैं कि रेल यात्रा को सुरक्षित बनाना आज सबसे बड़ी जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बजट में इस बार बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। संभावना है कि कवच सिस्टम को पूरे देश में लगाए जाने के लिए अलग से बजट का ऐलान किया जा सकता है। वहीं सेफ्टी को लेकर ट्रेनिंग पर भी जोर बढ़ाया जा सकता है। पटरियों के मेंटिनेंस के लिए भी बजट को बढ़ाया जा सकता है। उम्मीद है बजट में इस तरह के कुछ प्रावधान होंगे जिनसे रेल हादसों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार के नेश्नल रेल प्लान के तहत रेलवे की माल ढुलाई की हिस्सेदारी को 43 फीसदी तक ले जाना है। 2023 में रेलवे की माल ढुलाई मे हिस्सेदारी 27 फीसदी थी। रेलवे के फ्रेट ट्रांसपोर्ट को बढ़ाने के लिए रेलवे की ओर से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का ज्यादातर काम पूरा कर लिया है। कुछ हिस्से बचे हुए हैं उन पर भी जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में रेलवे के फ्रेट के कॉरोबार को बढ़ाने को लेकर कुछ ऐलान हो सकते हैं। यात्री ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने को लेकर भी कुछ प्रावधान किए जा सकते है। उम्मीद है रेलवे के चल रहे प्रोजेक्टों को समय से पूरा करने के लिए बजट में ज्यादा प्रावधान होंगे।
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