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    भारतीय सेना को मिला स्वदेशी 'Nagastra–1', दुश्मन के घर में घुसकर मचा देगा तबाही; जानें इसकी खासियत

    Updated: Fri, 14 Jun 2024 12:31 PM (IST)

    स्वदेश में विकसित नागास्त्र-1 आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप भारतीय सेना को मिल गई है। नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज ने इन घातक ड्रोनों को विकसित किया है। भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। इनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है। आइए जानते हैं इन ड्रोनों की खासियतें...

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    भारतीय सेना को मिले नागास्त्र-1 आत्मघाती ड्रोन। (फोटो- एएनआई)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय सेना को बेहद घातक हथियार मिल गए हैं। नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज ने स्वदेशी लॉइटरिंग म्यूनिशन नागास्त्र-1 की पहली खेप भारतीय सेना को सौंप दी है। नागास्त्र-1 दुश्मन के घर में घुसकर हमला करने में सक्षम है। यह एक आत्मघाती ड्रोन है, जो दुश्मन के इलाके में घुसकर तबाही मचा देगा।

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    बता दें कि पिछले साल भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन की आपूर्ति का ऑर्डर सोलर इंडस्ट्रीज इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) को दिया था। नागपुर की इस स्वदेशी कंपनी ने यह घातक ड्रोन विकसित किए हैं। एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक प्री-डिलीवरी निरीक्षणों के सफल समापन के बाद ईईएल ने सेना के गोला-बारूद डिपो को 120 लॉइटरिंग म्यूनिशन सौंपे हैं। सेना की भाषा में इन ड्रोनों को लॉइटरिंग म्यूनिशन कहा जाता है।

    यह खासियत हैं नागास्त्र-1 में

    नागास्त्र-1 आत्मघाती ड्रोन है। जीपीएस से लैस यह ड्रोन दो मीटर की सटीकता के हमले कर सकता है। नौ किलोग्राम वजन वाले मैन-पोर्टेबल फिक्स्ड-विंग इलेक्ट्रिक यूएवी की क्षमता 30 मिनट की है। मैन-इन-लूप रेंज 15 किलोमीटर और ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है। इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम कम ध्वनिक संकेत प्रदान करता है। इससे 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन इसे पहचान नहीं सकता।

    ड्रोन की खासियतें

    • आसानी से जमीन से किया जा सकता है लॉन्च।
    • 1.5 किलोग्राम विस्फोटक वारहेड ले जाने में सक्षम।
    • 15 किमी तक निगरानी और लक्ष्य भेद सकता।
    • आतंकी लॉन्च पैड, घुसपैठियों और दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप पर सटीक हमला।

    सौदे से जुड़ी खास बातें

    • रक्षा क्षेत्र में 'मेक-इन-इंडिया' के तहत सेना ने 480 नागास्त्र-1 ड्रोन का दिया था ऑर्डर।
    • यह आत्मघाती ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम हैं।
    • यह सौदा करीब 300 करोड़ रुपये का हो सकता है।
    • आपातकालीन प्रावधानों के तहत सेना ने दिया था ऑर्डर।
    • अब तक विदेश से खरीदे जाते थे ऐसे ड्रोन, ईईएल बनी पहली स्वदेशी कंपनी।

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