Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति भू-राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के अनुरूप विकसित होनी चाहिए: CDS जनरल अनिल चौहान

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Sat, 15 Jul 2023 09:20 AM (IST)

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति परिवर्तनशील है और राष्ट्रीय रणनीति का लक्ष्य परिवर्तनों को आत्मसात करना चाहिए ताकि यह चुनौतियों का सामना कर सके और अवसरों का फायदा उठा सके। DRDO निदेशकों के कॉन्क्लेव के उद्घाटन को संबोधित करते हुए CDS ने कहा कि उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रदर्शन सुधार परिवर्तन सूचना और अनुरूपता की आवश्यकता है।

    Hero Image
    राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति भू-राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के अनुरूप विकसित होनी चाहिए: CDS

    नई दिल्ली, एजेंसी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति परिवर्तनशील है और राष्ट्रीय रणनीति का लक्ष्य परिवर्तनों को आत्मसात करना चाहिए ताकि यह चुनौतियों का सामना कर सके और अवसरों का फायदा उठा सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई दिल्ली में DRDO निदेशकों के कॉन्क्लेव के उद्घाटन को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रदर्शन, सुधार, परिवर्तन, सूचना और अनुरूपता की आवश्यकता है।

    रंगमचीकरण की अवधारणा एक मूलभूत परिवर्तन- CDS

    “रंगमंचीकरण (Theaterisation) से उभरती प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं” का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और रणनीति में श्रेष्ठता समय की मांग है और भारतीय सशस्त्र बल प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहे हैं।

    जनरल अनिल चौहान ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एकजुटता, एकीकरण और रंगमंचीकरण के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रंगमंचीकरण की अवधारणा एक मूलभूत परिवर्तन है।

    जनरल अनिल चौहान ने कहा, यह आजादी के बाद किए गए दूरगामी प्रभावों वाले सबसे महत्वाकांक्षी परिवर्तनों में से एक है। इस यात्रा की शुरुआत एकजुटता और एकीकरण की दिशा में पहले कदम पर निर्भर करती है। रंगमंचीकरण में संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम पर प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए त्रि-सेवा थिएटर-विशिष्ट संरचनाओं का निर्माण शामिल है।

    सीडीएस ने कहा कि भौतिक क्षेत्र में एकीकरण का उद्देश्य गुणक प्रभाव प्राप्त करना है क्योंकि यह युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए एकीकृत प्रक्रियाओं और संरचनाओं के माध्यम से सेवाओं की अद्वितीय क्षमताओं को जोड़ता है।

    जनरल चौहान ने आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप उद्योग के लिए डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए DRDO की प्रणालियों और उप-प्रणालियों की दूसरी सूची जारी की। DRDO की यह दूसरी सूची पहले जारी की गई 108 वस्तुओं की सूची की निरंतरता में है।

    उत्पादन समन्वय और समाधान के लिए तंत्र की करता है रूपरेखा तैयार

    उन्होंने "उत्पादन समन्वय के लिए DRDO दिशानिर्देश" भी जारी किया, जो DRDO द्वारा विकसित सैन्य उपकरणों/प्लेटफार्मों/प्रणालियों के उत्पादन से जुड़े मुद्दों के उत्पादन समन्वय और समाधान के लिए तंत्र की रूपरेखा तैयार करता है।

    दिशानिर्देश डिजाइनरों, उपयोगकर्ताओं, उत्पादन एजेंसियों, गुणवत्ता एजेंसियों और अन्य हितधारकों को शामिल करके इन प्रणालियों के उत्पादन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए दो स्तरीय तंत्र लाते हैं। यह पहल भारतीय रक्षा उद्योग के लिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा प्रौद्योगिकियों/प्रणालियों को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

    दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन विभिन्न चिंतन शिविर बैठकों के अनुवर्ती और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उनके परिणामों की समीक्षा के रूप में किया जाता है।