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    साढ़े पांच करोड़ से अधिक करदाताओं को सीधा फायदा, नए टैक्स स्ट्रक्चर से होगी 1 लाख करोड़ की बचत: SBI रिपोर्ट

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2025-2026 का आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कई बड़े एलान किए। बजट में टैक्स स्लैब में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इस बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि नए कर ढांचे से 5.65 करोड़ करदाताओं को फायदा होने की उम्मीद है।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 02 Feb 2025 04:56 PM (IST)
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    नए कर ढांचे से 5.65 करोड़ करदाताओं को फायदा होने की उम्मीद। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    एएनआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में कई बड़े एलान किए गए। बजट में सबसे ज्यादा राहत मध्यम वर्ग के परिवारों को देने की कोशिश की गई है। इस बजट में टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया है।

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    इस बजट के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित नए कर ढांचे से लगभग 5.65 करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो 4 लाख रुपये और उससे अधिक की आय स्लैब में आते हैं।

    एक लाख करोड़ रुपये की बचत की संभावना

    • एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इन करदाताओं को सामूहिक रूप से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की कर बचत होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले व्यक्तियों को इन बदलावों से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा।
    • एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नए टैक्स ढांचे से लगभग 5.65 करोड़ करदाताओं (4 लाख रुपये से ऊपर के कर स्लैब) को लाभ होगा, जिससे कुल कर बचत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये होगी।
    • रिपोर्ट में यह भी अनुमान है कि इस कर बचत से खपत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। 0.7 की सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (एमपीसी) का उपयोग करते हुए, रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अतिरिक्त डिस्पोजेबल आय से खपत में 3.3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।
    • इसके साथ ही व्यय में इस बढ़ोत्तरी के कारण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस वजह से अर्थव्यवस्था अधिक गतिशील होने की संभावना है। उच्च उपभोग स्तर विभिन्न क्षेत्रों में मांग को बढ़ाएगा, जिससे संभावित रूप से रोजगार सृजन और समग्र आर्थिक खुशहाली को बढ़ावा मिलेगा।

    आयकर रिटर्न की प्रक्रिया भी हुई आसान

    शनिवार को संसद में पेश हुए बजट में टैक्स रिलीफ के अलावा बजट में आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब सरकार ने अपडेटेड आयकर रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने की समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी है। इस बदलाव का उद्देश्य करदाताओं को स्वेच्छा से अपनी आय का विवरण अपडेट करने और किसी भी अतिरिक्त कर का भुगतान करने के लिए अधिक समय देना है।

    क्या बोलीं वित्त मंत्री?

    शनिवार को अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्त कर का भुगतान करके स्वेच्छा से अपनी आय को अपडेट किया है। इस भरोसे को और आगे बढ़ाते हुए, मैं अब किसी भी आकलन वर्ष के लिए अपडेट रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं।

    पहले 7 लाख रुपये की छूट थी

    गौरतलब है कि खपत को बढ़ाने के लिए साल 2014 में 'शून्य कर' स्लैब को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2023 में 7 लाख रुपये कर दिया था। हालांकि, सरकार ने 2-कर व्यवस्था को जारी रखा और करदाता को अपनी आय और कटौती के अनुसार चुनने के लिए छोड़ दिया।

    एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यक्तिगत आयकर (आईटी) के तहत भरे गए रिटर्न में से लगभग 78 प्रतिशत नई कर व्यवस्था के अंतर्गत हैं। सरकार ने अब केंद्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था में आयकर में बड़ी राहत देने का प्रस्ताव रखा है।

    इन उपायों से सरकार को करा देने की प्रक्रिया को सरल बनाने, स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने और खपत और निवेश में वृद्धि के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

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