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    नक्सल-मुक्त हुआ कर्नाटक... अंतिम नक्सली लक्ष्मी ने किया सरेंडर, बताया क्यों बदला मन

    कर्नाटक अब नक्सल मुक्त राज्य घोषित हो गया है। रविवार को उडुपी की डिप्टी कमिश्नर विद्या कुमारी और एसपी अरुण के. की मौजूदगी में राज्य की अंतिम नक्सली लक्ष्मी ने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने बताया कि लक्ष्मी मूल रूप से कुंदापुरा तालुक के माछट्टू गांव के थोम्बट्टू की रहने वाली है। वह चिकमंगलुरु और उडुपी जिले में नक्सली एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्रिय थी।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 02 Feb 2025 03:51 PM (IST)
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    पुलिस के मुताबिक लक्ष्मी पर तीन केस दर्ज हैं (फोटो: एएनआई)

    पीटीआई, उडुपी। कर्नाटक की अंतिम नक्सली लक्ष्मी ने रविवार को उडुपी की डिप्टी कमिश्नर विद्या कुमारी और एसपी अरुण के. की मौजूदगी में बिना शर्त सरेंडर कर दिया। पुलिस के मुताबिक लक्ष्मी पर तीन केस दर्ज हैं और वह आंध्र प्रदेश में छिपी हुई थी।

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    ये मामले 2007-2008 के हैं और ये पुलिस के साथ गोलीबारी, हमले और गांवों और छोटे शहरों में माओवादी साहित्य पहुंचाने से जुड़े हैं। पुलिस ने बताया कि लक्ष्मी मूल रूप से कुंदापुरा तालुक के माछट्टू गांव के थोम्बट्टू की रहने वाली है।

    लक्ष्मी का पति भी था नक्सली

    लक्ष्मी का पति सलीम भी एक पूर्व नक्सली था, जिसने 2020 में आंध्र प्रदेश में सरेंडर कर दिया था। लक्ष्मी ने करीब 15 साल पहले अपने परिवार से संबंध तोड़ दिया था और अंडरग्राउंड हो गई थी। वह चिकमंगलुरु और उडुपी जिले में नक्सली एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्रिय थी।

    मैंने जिला अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की और कर्नाटक सरकार द्वारा आत्मसमर्पण प्रोटोकॉल और पैकेज की घोषणा के बाद सरेंडर करना चाहा था, लेकिन किसी कारण से ऐसा नहीं हो सका। आत्मसमर्पण समिति के गठन के बाद मेरा सरेंडर आसान हो गया।

    - लक्ष्मी

    लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सरेंडर पैकेज के लिए धन्यवाद दिया और जिला प्रशासन से अपील की कि पुलिस थानों में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से उसे मुक्त किया जाए।

    'ए' कैटेगरी के लिए सुविधा

    डीसी विद्या कुमार ने कहा कि लक्ष्मी सरेंडर के लिए 'ए' कैटेगरी की कैंडिडेट है और सरेंडर पैकेज के नियम के अनुसार इस श्रेणी में आने वाले नक्सली 7 लाख रुपये पाने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि 'ए' कैटेगरी कर्नाटक से आने वाले नक्सलियों के लिए निर्धारित है।

    (फोटो: पीटीआई)

    डीसी ने कहा, 'आत्मसमर्पण पैकेज तीन साल तक चरणों में दिए जाएंगे और इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की मूल क्षमता के आधार पर शिक्षा, पुनर्वास और रोजगार जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।'

    22 नक्सलियों ने किया समर्पण

    राज्य आत्मसमर्पण समिति के श्रीपाल ने उपस्थित पत्रकारों को बताया कि समिति ने सरकार से सिफारिश की है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए, ताकि उन्हें समाज में सामान्य जीवन जीने में मदद मिल सके।

    उन्होंने कहा, 'समिति के प्रयासों के कारण, 2025 में अब तक 22 नक्सली कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया है और लक्ष्मी राज्य में आत्मसमर्पण करने वाली आखिरी महिला है। कर्नाटक अब एक नक्सल मुक्त राज्य है।'

    मुख्यमंत्री पदक की घोषणा

    शनिवार को चिकमंगलुरु में कोटेहंडा रवींद्र के आत्मसमर्पण के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि कर्नाटक एक नक्सल-मुक्त राज्य है।

    इसमें यह भी कहा गया कि सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक को नक्सल मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रयास करने वाले 22 पुलिस अधिकारियों और जवानों की टीम के लिए मुख्यमंत्री पदक की घोषणा की है।

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