जानिए, अगले वित्त वर्ष से किस नाम से जानी जाएगी पंचवर्षीय योजना
केंद्र सरकार ने कांग्रेस की पंचवर्षीय योजना को खत्म करने का फैसला किया है। अब पंचवर्षीय योजना की जगह सात साल की योजनाएं बनायी जाएंगी
नई दिल्ली ( हरिकिशन शर्मा) ।योजना आयोग को बंद करने के बाद मोदी सरकार नेहरू युग की एक और व्यवस्था को खत्म करने जा रही है। केंद्र सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं को समाप्त करने का फैसला किया है। अब इनकी जगह नरेंद्र मोदी की ‘सप्तवर्षीय’ योजना चलेगी। वित्त वर्ष 2017-18 से इसे लागू किया जाएगा और यह ‘राष्ट्रीय विकास एजेंडा’ का आधार बनेगी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं के बाद मौजूदा व्यवस्था खत्म करने और इसकी जगह ‘राष्ट्रीय विकास एजेंडा’ के रूप में नई व्यवस्था शुरू करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय विकास एजेंडा’ तैयार करने की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी है।
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12वीं पंचवर्षीय योजना सिर्फ 31 मार्च 2017 तक है। ‘दैनिक जागरण’ पहले भी यह खबर दे चुका है कि सरकार पंचवर्षीय योजनाओं की जगह एक नई व्यवस्था शुरू करेगी। उल्लेखनीय है कि पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में की थी। उन्होंने 1950 में योजना आयोग की स्थापना कर उसे पंचवर्षीय योजनाएं तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। मोदी सरकार योजना आयोग को पहले ही खत्म कर चुकी है। इससे पहले 15वीं लोकसभा के दौरान वित्त मामलों संबंधी संसद की स्थायी समिति भी पंचवर्षीय योजनाओं की व्यवस्था को खत्म करने की सिफारिश कर चुकी है।
इसलिए लिया फैसला
1.केंद्र ने अगली पंचवर्षीय योजना नहीं बनाने का फैसला इसलिए किया है, क्योंकि इसकी अवधि 14वें वित्त आयोग की अवधि से भिन्न है।
2.14वें वित्त आयोग की सिफारिशें 2015-16 से लागू हो चुकी हैं और ये वित्त वर्ष 2019-20 तक लागू रहेंगी।
ऐसे में इस अवधि के बाद केंद्र और रायों के पास धन आवंटन करने के बारे में कोई निश्चित अनुमान नहीं होगा।
3.15 वर्षीय दीर्घकालिक विजन सप्तवर्षीय योजनाएं शुरू करने का फैसला किया गया है, ताकि हर तीन साल पर उसका मूल्यांकन किया जा सके।
4.पंचवर्षीय योजनाओं की समीक्षा ढाई साल पर तय थी, लेकिन इसमें कई वर्ष लग जाते थे।
दीर्घकालिक लक्ष्य पर जोर
1. नीति आयोग 15 साल का दीर्घकालिक विजन तैयार करेगा। इसमें सामाजिक लक्ष्य तथा सतत विकास के लक्ष्य शामिल होंगे।
2. इस दीर्घकालिक विजन को धरातल पर उतारने के लिए सात वर्ष की योजना तैयार करने का फैसला लिया गया है।
3.सप्तवर्षीय योजनाओं की शुरुआत वित्त वर्ष 2017-18 से होगी। तीन वर्ष बाद इनकी मध्यावधि समीक्षा की जाएगी।
4.सप्तवर्षीय योजनाओं में रक्षा और आंतरिक सुरक्षा जैसे अति संवेदनशील विषय भी शामिल होंगे।
5. पंचवर्षीय योजनाएं सिर्फ सामाजिक और ढांचागत क्षेत्र के विकास तक ही सीमित थीं। रक्षा क्षेत्र इनके दायरे से बाहर था।
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