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    नीति आयोग तैयार कर रहा बुंदलेखंड को सूखा मुक्त बनाने की योजना

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Apr 2016 08:12 PM (IST)

    बुंदेलखंड को स्थाई तौर पर सूखे से निजात दिलाने को सरकार 17 सूत्रीय रणनीति पर विचार कर रही है। नीति आयोग ने आज इसके विभिन्न पहलुओं पर कई मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श किया।

    नई दिल्ली। बुंदेलखंड को स्थाई तौर पर सूखे से निजात दिलाने को सरकार 17 सूत्रीय रणनीति पर विचार कर रही है। नीति आयोग ने सोमवार को इस रणनीति के विभिन्न पहलुओं पर केंद्र के कई मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श किया। सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में केंद्र के उच्च अधिकारियों की एक बैठक में बुंदेलखंड को सूखा मुक्त बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में कृषि मंत्रालय और केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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    यह बैठक उत्तर प्रदेश में आने वाले बुंदेलखंड के सात जिलों- बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर और महोबा जिलों की समस्याओं का हल ढूंढने पर केंद्रित रही। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल सरकार का जोर लोगों को पेयजल मुहैया कराना और लंबित परियोजनाओं को पूरा करने पर है। यही वजह है कि यूपी को बुंदेलखंड पैकेज के तहत जारी की गई धनराशि में से 10 प्रतिशत को फ्लैक्सीफंड के तौर पर विशेष रूप से पेयजल के लिए खर्च करने का निर्देश केंद्र ने राज्य सरकार को दिया है।

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    सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र को स्थायी रूप से सूखे से निजात दिलाने के लिए पुराने तालाबों और जलाशयों की गाद निकालने और उनके संरक्षण पर जोर देगी। इसके अलावा कम पानी से अधिक क्षेत्र की सिंचाई हो सके इसके लिए प्लास्टिक के पाइपों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कार्यक्रम बना कर प्लास्टिक पाइपों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि आयोग जो रणनीति बना रहा है उसमें आजीविका के लिए पशुपालन और कृषि के विविधीकरण पर जोर दिया गया है।

    जिस तरह राजस्थान और गुजरात में सूखे के हालात के बीच पशुपालन आजीविका का प्रमुख साधन रहा है, उसी तरह बुंदेलखंड में भी पशुपालन को बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है। बुंदेलखंड पर नीति आयोग की यह बैठक बीते तीन दिनों में तीसरी उच्च स्तरीय बैठक है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बुंदेलखंड की स्थिति का जायजा लेते हुए आपदा राहत राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद पीएम के प्रधान सचिव ने भी बुंदेलखंड की स्थिति का जायजा लिया।

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