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    राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम से पंडित नेहरू गायब, पटेल अौर प्रताप छाए

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2016 07:15 PM (IST)

    राजस्थान में कक्षा 8 की नई पाठ्य पुस्तक से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु का नाम हटा दिया गया। इसे लेकर राज्य में सियासत तेज हो गई है।

    जयपुर (ब्यूरो)। राजस्थान के स्कूल की किताबों से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू लगभग गायब हो गए हैं। उनकी जगह सरदार पटेल को अधिक महत्व दिया गया है। इनके अलावा चाणक्य और महाराणा प्रताप छाए हुए हैं। कांग्रेस ने इस बदलाव की कड़ी आलोचना की है।
    राजस्थान में इस वर्ष से पहली से आठवीं तक का पूरा पाठ्यक्रम बदला गया है। नए पाठ्यक्रम की किताबें हाल में सामने आई हैं, लेकिन इन नई किताबों में जवाहरलाल नेहरू का नाम नहीं के बराबर है। छठी से आठवीं तक की इतिहास की सभी किताबों से नेहरू का नाम गायब है। देश में पंचायतीराज की शुरूआत राजस्थान के नागौर से हुई थी और इसका श्रेय नेहरू को ही जाता है। कक्षा छह की इतिहास की किताब में इस विषषय पर एक पाठ तो है, लेकिन इसमें नेहरू का जिक्र नहीं है, जबकि नेहरू खुद इसके लिए नागौर आए थे।

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    नई किताबों में आजादी के लिए किए गए असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा, दांडी सत्याग्रह, भारत छा़े$डो आंदोलन में महात्मा गांधी के नेतृृत्व का जिक्र है। चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुर, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, चापेकर बंधु, वीर सावरकर, नेताजी सुभाषषचंद्र बोस के योगदान पर विशेषष सामग्री दी गई है। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का सचित्र उल्लेख है लेकिन नेहरू का कहीं भी जिक्र नहीं है।
    पुरानी किताबों में जहां नेहरू पर काफी सामग्री और उनके चित्र होते थे, वहीं जवाहरलाल नेहरू के साथ मोतीलाल नेहरू और कमला नेहरू का जिक्र भी पुरानी प्रकाशित किताबों में कई जगह था, लेकिन नई किताबों में नेहरू लगभग गायब हैं।
    पटेल, प्रताप अौर चाणक्य छाए
    पाठ्यक्रम में देश के पहले गृृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान का विशेष उल्लेख किया गया है। इनके अलावा चाणक्य और महाराणा प्रताप भी छाए हुए हैं। अब इन किताबों में अकबर महान की जगह प्रताप को महान बताते हुए द ग्रेट किंग ऑफ मेवाड़ बताया गया है। आठवीं की इतिहास की पुस्तक में पटेल के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर सचित्र जानकारी दी गई है। रियासतों के एकीकरण के प्रयास में पटेल के योगदान पर अलग से सामग्री है। पांचवीं की हिंदी की पुस्तक में दृढ़ निश्चयी सरदार शीर्षक से सोलहवां पाठ दिया गया है। इसके साथ ही सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर छठी की अंग्रेजी और आठवीं की संस्कृृत की किताब में विशेष पाठ है। इसमें यह भी लिखा है कि यह अपने प्रधाानमंत्री का कमाल है कि हर कोई स्वच्छता के लिए जुटा है।
    कांग्रेस ने की कड़ी आलोचना
    पाठ्यक्रम में इस तरह के बदलाव पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि पाठ्यक्रम से नेहरू का नाम हटाना इस सरकार की संकीर्ण सोच को बताता है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि इतिहास में जिनका नाम नहीं होता, वे ही इस तरह इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का काम करते हैं। जनता इन्हें सबक सिखाएगी।

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