Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    आर्मी, एयरफोर्स और नौसेना होगी पहले से भी अधिक मजबूत, केंद्र ने 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा कोष को दी मंजूरी

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:20 PM (IST)

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए लगभग 79,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंज ...और पढ़ें

    Hero Image

    केंद्र ने 79,000 करोड़ रुपये के रक्षा कोष को दी मंजूरी  (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने तीनों सेनाओं की आधुनिकीकरण योजनाओं को बढ़ावा देते हुए आवश्यकता स्वीकृति (AoN) प्रदान की है। जिनकी कुल लागत लगभग 79,000 करोड़ रुपये है।

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 29 दिसंबर 2025 को आयोजित बैठक के दौरान तोपखाने रेजिमेंटों के लिए लोइटर मुनिशन सिस्टम, लो लेवल लाइट वेट रडार, पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमआरएलएस) के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट गोला बारूद और भारतीय सेना के लिए इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम एमके-II की खरीद के लिए एओएन को स्वीकृति दी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सामरिक लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए लोइटर मुनिशन का उपयोग किया जाएगा, जबकि लो लेवल लाइट वेट रडार छोटे आकार के, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई प्रणालियों (एमआरएलएस) का पता लगाकर उन पर नजर रखेंगे। लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेटें पिनाका एमआरएलएस की मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाएंगी, इससे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया जा सकेगा।

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उन्नत मारक क्षमता वाली एकीकृत ड्रोन पहचान और अवरोधन प्रणाली एमके-II सामरिक युद्ध क्षेत्र और भीतरी इलाकों में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण संपत्तियों की रक्षा करेगी।

    नौसेना को क्या क्या खरीदने के लिए मिली मंजूरी?

    भारतीय नौसेना को बोलार्ड पुल (बीपी) टग्स, हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एचएफ एसडीआर) मैनपैक की खरीद और हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज (एचएएलई) रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के पट्टे के लिए एओएन प्रदान किया गया।

    रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बीपी टग्स की तैनाती से नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को संकरे जलक्षेत्रों/बंदरगाहों में लंगर डालने, लंगर से बाहर निकलने और पैंतरेबाज़ी करने में सहायता मिलेगी। एचएफ एसडीआर बोर्डिंग और लैंडिंग अभियानों के दौरान लंबी दूरी के सुरक्षित संचार को बढ़ाएगा, जबकि हेल आरपीएएस हिंद महासागर क्षेत्र में निरंतर खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही तथा विश्वसनीय समुद्री क्षेत्र जागरूकता सुनिश्चित करेगा।

    वायु सेना के लिए क्या क्या मिली मंजूरी?

    भारतीय वायु सेना के लिए, ऑटोमैटिक टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम, एस्ट्रा एमके-II मिसाइलें, फुल मिशन सिमुलेटर और SPICE-1000 लॉन्ग रेंज गाइडेंस किट आदि की खरीद के लिए AoN को मंजूरी दी गई । स्वचालित टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम की शुरुआत से लैंडिंग और टेक-ऑफ की उच्च-परिभाषा, हर मौसम में स्वचालित रिकॉर्डिंग प्रदान करके एयरोस्पेस सुरक्षा वातावरण में मौजूद कमियों को दूर किया जा सकेगा।

    रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उन्नत मारक क्षमता वाली एस्ट्रा एमके-II मिसाइलें लड़ाकू विमानों की दुश्मन के विमानों को लंबी दूरी से ही नष्ट करने की क्षमता को बढ़ाएंगी। हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए पूर्ण मिशन सिमुलेटर पायलटों के प्रशिक्षण को किफायती और सुरक्षित तरीके से बेहतर बनाएगा, जबकि SPICE-1000 भारतीय वायु सेना की लंबी दूरी की सटीक मारक क्षमता को बढ़ाएगा। (समाचार एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- 2026 में पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो भारत कैसे करेगा मुकाबला, क्या है भारतीय सेना की तैयारी?