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SBI Gold Locker : गोल्ड लॉकर से करोड़ों की सोना चोरी का एेसे खुला राज

पुलिस ने राजीव पालीवाल नवीन गुप्ता और बड़ौदा की महिला ज्योति गर्ग के घर से 1.20 करोड़ रुपये कीमत का तीन किलो सोना और 11 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 06:15 AM (IST)
SBI Gold Locker : गोल्ड लॉकर से करोड़ों की सोना चोरी का एेसे खुला राज

श्योपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की शाखा के गोल्ड लोन लॉकर से सोना चोरी का राजफाश आरोपित कैशियर के तबादले से हुआ। चोरी की साजिश बैंक के कैशियर राजीव पालीवाल व रेस्टॉरेंट संचालक नवीन गुप्ता ने रची व अंजाम दी। अगर चोरी के मास्टर माइंड पालीवाल का प्रमोशन के बाद तबादला नहीं होता तो बैंक को चपत लगाने का फर्जीवाड़ा आगे भी चलता रहता। पुलिस ने राजीव पालीवाल, नवीन गुप्ता और बड़ौदा की महिला ज्योति गर्ग के घर से 1.20 करोड़ रुपये कीमत का तीन किलो सोना और 11 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं।

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ज्ञात हो कि एसबीआइ की स्टेशन रोड शाखा के गोल्ड लोन लॉकर से सात करोड़ रपये से ज्यादा का 15 किलो 446 ग्राम सोना चोरी होने की एफआइआर 11 जून को कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने कैश इंचार्ज राजीव पालीवाल और अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर को सस्पेंड कर दिया था क्योंकि लॉकर की चाबी इन्हीं के पास थी। श्योपुर पुलिस ने शुक्रवार को पूरे मामले का राजफाश करते हुए चोरी के मास्टर माइंड राजीव पालीवाल व नवीन गुप्ता व ज्योति गर्ग को गिरफ्तार कर लिया।

सितंबर 2019 से चल था खेल

श्योपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संपत उपाध्याय ने शुक्रवार को बताया कि राजीव पालीवाल व नवीन गुप्ता की मिलीभगत से चोरी का खेल सितंबर 2019 से चल रहा था। लॉकर से सोना चुराकर उससे करोड़ों का गोल्ड लोन लिया फिर दोबारा सोने के पैकेट चुराए गए। एसपी उपाध्याय ने बताया कि एक जून को कैश इंचार्ज राजीव पालीवाल का प्रमोशन के साथ तबादला पीओ (प्रशिक्षु अधिकारी) के पद पर हुआ। ऐसे में राजीव को लॉकर की चाबी किसी दूसरे कर्मचारी को सौंपनी थी और इससे सोने के भौतिक सत्यापन में पकड़े जाने का डर था, इसीलिए उसने चार अप्रैल को चाबी गुम होने की पटकथा रची।

लॉकर से दो बैग व जेबों में भरकर ले गया था सोना

4 अप्रैल को राजीव पालीवाल ने बैंक प्रबंधन को चाबी खोने की सूचना दी। इससे पहले उसने लॉकर बंद करने के नाम पर अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर से दूसरी चाबी ले ली। रामनाथ ठाकुर वाली चाबी से लॉकर व स्ट्रांग रूम के दो गेटों के पूरे लॉक ही बंद नहीं किए, केवल अपनी वाली चाबी से तीनों दरवाजों के लॉक लगाए। 7 अप्रैल की सुबह आठ बजे राजीव पालीवाल, नवीन गुप्ता के साथ बैंक में पहुंचा। नवीन गुप्ता वहां काम कर रहे दोनों सफाई कर्मचारियों को सब्जी लाने के बहाने अपने साथ ले गया। इसके बाद राजीव ने मैनेजर के कैबिन में घुसकर सीसीटीवी कैमरों को बंद किया, फिर अपनी चाबी से बंद किए गए स्ट्रांग रूम के दरवाजों व लॉकर के ताले खोले। सोने के पैकेटों को लैपटॉप के दो बैगों में व पेंट की जेबों में रख लिया। इसके बाद नवीन गुप्ता बैंक लौटा तो उसे साथ लेकर निकल गया।

लॉकर से चुराए गहनों से 26 बार लिया गोल्ड लोन

एसपी उपाध्याय ने बताया कि लॉकर से चुराए गहनों से इसी बैंक शाखा से 26 बार गोल्ड लोन लिया गया। ऐसा करने से बैंक के रिकॉर्ड में गिरवी रखे गए कुल सोने का वजन बढ़ता गया लेकिन, लॉकर में नहीं। जिन 102 पैकेटों में बैंक ने साढ़े 15 किलो से ज्यादा सोना चोरी की शिकायत की है, उनमें 15 किलो से काफी कम सोना था। इन लोगों ने कितना सोना बाजार में बेचा है इसकी अभी जांच चल रही है।

ज्यादा होशियारी दिखाना ही पुलिस की सफलता का राज

राजीव पालीवाल ने खुद कोतवाली थाने में जाकर चाबी खोने का आवेदन दिया और पावती ले ली थी, जबकि चाबी गुमने की सूचना कैशियर की ओर से नहीं बल्कि बैंक प्रबंधन की ओर से आनी थी। यहीं से पुलिस के संदेह में वह, उसका साथी नवीन गुप्ता और उसकी सहयोगी ज्योति गर्ग आए। ज्योति गर्ग के बड़ौदा स्थित घर से सोने के पैकेट भी जब्त किए गए। इसके बाद नवीन गुप्ता ने सलापुरा स्थित घर व रेस्टॉरेंट एवं बैंककर्मी राजीव पालीवाल ने अपने घर से गहनों के पैकेट पुलिस को बरामद कराए। इन तीनों से जो 11 लाख रुपये मिले हैं वह चुराए गए सोने से लिए गए गोल्ड लोन की रकम है।


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