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खालिस्तान समर्थकों पर सॉफ्ट रुख न अपनाए कनाडा, भारत ने जस्टिन ट्रूडो से कहा- हिंसा की नहीं करें वकालत

पिछले महीने यानी जून में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी के मौके पर कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने एक परेड का आयोजन किया था। इस परेड में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए एक झांकी निकाली गई थी। कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चिंता जाहिर की।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Thu, 06 Jul 2023 06:03 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jul 2023 09:21 PM (IST)
कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव पर भारत ने चिंता जाहिर की।(फोटो सोर्स: जागरण)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थकों पर लगाम लगाने की भारत की अपील कितना काम करती है यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के सख्त होते तेवर का कुछ असर होता दिख रहा है।

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एक तरफ जहां कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को यह कहना पड़ा है कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ हमेशा से सख्त कार्रवाई करता रहा है और उनकी सरकार खालिस्तानी आतंकियों को लेकर नरम नहीं है। तो दूसरी तरफ ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा है कि खालिस्तानी आतंकियों की तरफ से भारतीय हितों पर हमला करने की धमकी स्वीकार्य नहीं है।

कनाडा और ब्रिटेन की तरफ से इस तरह के बयान आने को लेकर भारत के रूख पर कोई खास असर नहीं हुआ है। भारत ने कहा है कि वह इस तरह के आश्वासनों को लेकर उत्साहित नहीं है बल्कि दूसरे देश किस तरह का कदम उठाते हैं, इसको देख कर वह फैसला करेगा।

कनाडा को आतंकवादियों को जगह नहीं देना चाहिए: अरिंदम बागची

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कनाडा व दूसरे देशों में भारतीय राजनयिकों को निशाने बनाने को लेकर जो पोस्टर जारी किये गये हैं वह स्वीकार्य नहीं है। भारत इस तरह की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करता है। किसी भी देश को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अतिवादियों व आतंकियों को जगह नहीं देनी चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के लिए अपने राजनयिकों की सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। वियना समझौते के मुताबिक दूसरे देशों के राजनयिकों को सुरक्षा देने का काम उस देश की सरकार का होता है। भारत भी इस समझौते के मुताबिक ही दूसरे देशों के राजनयिकों को सुरक्षा देता है।''

पीएम ट्रुडो के बयान पर भारत ने नहीं दिखाया उत्साह 

बागची ने कनाडा के पीएम ट्रुडो की तरफ से दिए गए बयान को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखाया। ट्रुडो पहले भी आतंकवाद को लेकर अपने देश की प्रतिबद्धता दिखा चुके हैं लेकिन इसका खालिस्तान समर्थक संगठनों पर खास असर होता नहीं दिख रहा।

कनाडा में खालिस्तान के नाम पर हो रही राजनीति: विदेश मंत्री

सनद रहे कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि कनाडा में खालिस्तान के नाम पर वोट की राजनीति हो रही है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री की तरफ से आये बयान के बारे में बागची ने कहा कि हमने उसे देखा है लेकिन हम वहां क्या कदम उठाया जाता है, इसको देखते हुए फैसला करेंगे। ब्रिटेन स्थित खालिस्तान समर्थकों की गतिविधयों से भारत को सबसे ज्यादा परेशानी हुई है। इनकी तरफ से कई बार भारतीय उच्चायोग पर हिंसक प्रदर्शन किये जा चुके हैं।

अब ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने का पोस्टर जारी किया गया है। इस पर विदेश मंत्री क्लेवरली ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा है कि, "ब्रिटेन के भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला स्वीकार्य नहीं है।" इसके पहले भी जब भारत ने ब्रिटिश सरकार से आपत्ति जताई तो लंदन स्थित उच्चायोग पर सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया।


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