चीनी साइबर क्रिमिनल .in एक्सटेंशन वाली वेबसाइटें खरीद कर बना रहे हैं फिशिंग डोमेन

एक सरकारी एजेंसी के हवाले से सामने आया है कि चीनी साइबर धोखेबाज बड़े पैमाने पर .in एक्सटेंशन वाली वेबसाइटें खरीद और लॉन्च कर रहे हैं। उन वेबसाइट पर भा...और पढ़ें
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। भारत में सरकारी संगठनों को इस साल जून तक 1,12,474 साइबर सुरक्षा घटनाओं का सामना करना पड़ा। यह देश में विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा सामना किए जाने वाले साइबर खतरों की गंभीरता को उजागर करता है। इन साइबर हमलों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे ज्यादातर हमले चीन से होते हैं और वह इसके लिए रोजाना नए हथकंडे अपना रहा है। एक सरकारी एजेंसी के हवाले से सामने आया है कि चीनी साइबर धोखेबाज बड़े पैमाने पर .in एक्सटेंशन वाली वेबसाइटें खरीद और लॉन्च कर रहे हैं। उन वेबसाइट पर भारतीयों का डेटा एकत्र करने के लिए अश्लील और दुर्भावनापूर्ण सामग्री होती हैं। इसके अलावा रैनसमवेयर हमलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देश भर में रक्षा के साथ-साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर बढ़ते साइबर और मैलवेयर हमलों के मद्देनजर, रक्षा मंत्रालय ने इंटरनेट से जुड़े सभी कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) को एक नए ओएस, माया से बदलने का फैसला किया है।
नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने पाया था कि करीब दो माह पहले केवल चार दिनों में संदिग्ध चीनी क्रिमिनल्स द्वारा 2,000 से अधिक डोमेन खरीदे गए। इनका मकसद अश्लील सामग्री, सट्टेबाजी और दुर्भावनापूर्ण ऐप (आईओएस और एंड्रॉयड) बना लोगों का डाटा चुराना था। प्राप्त जानकारी के अनुसार चीनी साइबर जालसाज बड़े पैमाने पर भारतीय (.in) डोमेन को पंजीकृत करके लोगों की जानकारी प्राप्त करने के लिए स्मार्ट और इनोवेटिव तरीके ढूंढ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स वित्तीय धोखाधड़ी के अपने दुर्भावनापूर्ण एजेंडे के लिए जानकारी हासिल करने के लिए फिशिंग डोमेन बना रहे हैं।
वेबसाइटें मंदारिन में सामग्री होस्ट कर रही हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम/प्लेटफ़ॉर्म के अनुरूप भिन्न व्यवहार दिखाती हैं। एंड्रॉइड डिवाइस से खोलते समय वेबसाइट संदिग्ध .APK फ़ाइल और iPhone के लिए प्रोफ़ाइल कॉन्फ़िगरेशन फ़ाइल (.मोबाइल संस्करण) डाउनलोड करने का संकेत देती है।
मुख्य रूप से अश्लील सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और सभी साइटों पर ऐसे लिंक हैं जिन पर यदि कोई व्यक्ति क्लिक करता है, तो उसका डेटा चोरी हो जाता है। ये जालसाज ऐप्स की तथाकथित उच्च रेटिंग दिखाकर लोगों को फंसाते हैं। चूंकि एजेंसियां ऐसे ऐप्स और साइटों पर प्रतिबंध लगा रही हैं, इसलिए ये चीनी साइबर क्रिमिनल साइबर धोखाधड़ी करने के अपने व्यवसाय को जारी रखने के लिए अधिक से अधिक साइटें खरीद रहे हैं।
कनाडा के चुनावों में चीन का दखल, खालिस्तानी आतंकवादियों की आईएसआई कर रही फंडिंग
जिनपिंग के जी-20 शिखर सम्मेलन में ना आने से चीन को हुआ नुकसान, भारत फायदे में रहा: विश्लेषक
गेमचेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा, आएगी आर्थिक समृद्धि, चीन पर लगेगी लगाम
जेट इंजन बनाने वाला पांचवां देश होगा भारत, वायुसेना और नेवी को मिलेगी नई ताकत
सब्सक्रिप्शन प्लान के ज़रिये जागरण PRIME का हिस्सा बनें और प्रीमियम अनुभव पाएं
गहन रिसर्च, विशेषज्ञों से बातचीत और विश्लेषण पर आधारित कंटेंट
प्रीमियम ऑफ़लाइन इवेंट्स,और मेंबर्स-ओनली कॉन्फ्रेंस के लिए विशेष निमंत्रण पाएं
रोज़ाना पाइए जागरण अख़बार का ई-पेपर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।