जून के पहले दिन आई खुशखबरी, GST से भर गया सरकार का खजाना; जानिए कितना रहा कलेक्शन
May 2025 GST Collection जून के पहले दिन जीएसटी को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल मई के महीने में भी जीएसटी कलेक्शन में काफी इजाफा देखने को मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मई का जीएसटी संग्रह 2.01 लाख करोड़ रहा है। इसमें 16.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। अर्थव्यवस्था को जीडीपी इजाफे के बाद जीएसटी बढ़ोतरी का बूस्टर डोज मिला है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो दिन पहले गत वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के शानदार प्रदर्शन के बाद अब जीएसटी संग्रह से देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलता नजर आ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में लगातार दूसरे महीने जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ के पार चला गया।
मई माह में जीएसटी संग्रह पिछले साल मई के मुकाबले 16.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2,01,050 करोड़ रहा। इस साल अप्रैल में 2.37 लाख करोड़ का रिकार्ड जीएसटी संग्रह किया गया था। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में 4,37,767 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह हो चुका है जो गत वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 14.3 प्रतिशत अधिक है।
इस वित्त वर्ष में GST कलेक्शन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान
चालू वित्त वर्ष के बजट में जीएसटी संग्रह में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई माह के जीएसटी संग्रह में सीजीएसटी की हिस्सेदारी 35,434 करोड़ तो एसजीएसटी की 43,902 करोड़ की रही। आईजीएसटी के मद में 1,08,836 करोड़ तो सेस के मद में 12,879 करोड़ रुपए वसूले गए। मई माह में 27,210 करोड़ का जीएसटी रिफंड रहा। इस प्रकार मई में जीएसटी का शुद्ध संग्रह 1,73,841 करोड़ रहा जो पिछले साल मई के शुद्ध संग्रह की तुलना में 20.4 प्रतिशत अधिक है।
पिछले साल भी जीएसटी संग्रह काफी ज्यादा रहा
पिछले साल मई में जीएसटी का शुद्ध संग्रह 1,44,381 करोड़ का था। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विस के पार्टनर विवेक जालान के मुताबिक मई में घरेलू स्तर की बिक्री से मिलने वाले जीएसटी में 10 प्रतिशत तो आयात से मिलने वाले जीएसटी में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी है जो दर्शा रहा है कि आयात काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
कई राज्यों के जीएसटी संग्रह की दर में काफी असमानता
दूसरी तरफ राज्यों के जीएसटी संग्रह की दर में भी काफी असमानता दिख रही है। मई में केरल के जीएसटी संग्रह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 प्रतिशत, तमिलनाडु में 25 प्रतिशत, कर्नाटक में 20 प्रतिशत, दिल्ली में 38 प्रतिशत, बिहार में 23 प्रतिशत का इजाफा रहा, लेकिन दूसरी तरफ मई में गुजरात के जीएसटी संग्रह में चार प्रतिशत, तेलंगाना में छह प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में एक प्रतिशत, हरियाणा में नौ प्रतिशत, झारखंड में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस असमानता का भी अध्ययन करना चाहिए।
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