Tax Calculation: पहली बार करने जा रहे हैं ITR Filing, ऐसे करें टैक्स कैलकुलेशन, देखें तरीका
अगर आप पहली इनकम टैक्स फाइल करने जा रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का होने वाला है। आज हम जानेंगे कि आपकी टैक्सेबल इनकम कितनी होगी और कैलकुलेशन पूरी करने बाद कितना टैक्स देना होगा। इसके साथ ही जो आप सेक्शन 80 सी और अन्य टैक्स लाभ के लिए अलग-अलग स्कीम में अप्लाई करते हैं वे कैसे कैलकुलेशन में अप्लाई करना है।

नई दिल्ली। हर व्यक्ति को इनकम टैक्स फाइल करना चाहिए, फिर चाहे आपकी इनकम टैक्सेबल इनकम के अंतर्गत आती हो या नहीं। अगर आप भी इनकम टैक्स कैलकुलेशन को लेकर कन्फ्यूज है, तो नीचे बताया गया तरीका आपके लिए बड़े काम को हो सकता है।
कैसे करें टैक्स कैलकुलेट ?
सभी इनकम जोड़े
सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि आपको हर साल कितनी इनकम हो रही है या कहां-कहां से पैसे आते हैं।
इनकम में इन्हें करें शामिल-
- सैलरी
- हाउस प्रॉपर्टी
- बिजनेस या किसी प्रोफेशन में होने वाला
- मुनाफा
- कैपिटल गेन
- दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम
इस तरह से आपको जीटीआई यानी Gross Total Income निकल आएगा।
सभी Exemption करें डिडेक्ड
अब जीटीआई यानी Gross Total Income जोड़ना होगा। इसके लिए आपने जितनी भी इनकम जोड़ी है,
उसमें से सभी डिडेक्शन हटा दें। इन Exemption आपको जहां से भी टैक्स बेनिफिट मिल रहा हो, उस अमाउंट को घटा दें।
जैसे आप में से कई लोगों ने टैक्स लाभ पाने के लिए ऐसी स्कीम में अप्लाई किया होगा, जिसमें सेक्शन 80-सी का फायदा मिलता है। इस तरह से सेक्शन 80 जी, 80डी, 80टीटीए इत्यादि शामिल होते हैं। इन सभी डिडेक्शन को कर आप Taxable Income कैलकुलेट कर पाएंगे।
Surcharges करें शामिल
अब आपको ये देखना होगा कि ये टैक्सेबल इनकम टैक्स स्लैब में कहां आती है। इसके साथ ही इसमें आपको Surcharges भी जोड़ने होंगे।
Prepaid टैक्स घटाएं
अंत में आपको टीडीएस, Advance Tax और SAT जैसे Prepaid टैक्स घटाने होंगे। इस तरह से आपका
टैक्सेबल अमाउंट या रिफंड अमाउंट आ जाएगा। इस तरह से आप अपना इनकम टैक्स आसानी से कैलकुलेट कर पाएंगे।
अब जानते हैं कि टैक्स कैलकुलेट करने के लिए आपको किस-किस डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है।
कौन-से डॉक्यूमेंट है जरूरी
अगर आपको आईटीआर फाइल करना है, तो नीचे बताए डॉक्यूमेंट जुटा लें।
फॉर्म 26AS या फॉर्म 16A की जरूरत पड़ेगी।
अगर रेंट भरते हैं, तो इसके लिए रेंट एग्रीमेंट की जरूरत होगी, ताकि HRA क्लेम हो जाए।
टैक्स डिडक्शन के लिए आपको प्रूफ सबमिट भी करना होगा।
अगर आपको विदेश से इनकम होती है, तो इसके लिए फॉरेन बैंक अकाउंट स्टेटमेंट देनी होगी।
इसके साथ ही अगर पहले कभी आईटीआर फाइल किया हो, तो उसका प्रूफ चाहिए होगा।
इसके साथ ही आपको इनकम प्रूफ के लिए सैलरी स्लिप देनी होगी।
आज आप इनकम टैक्स की वेबसाइट में मौजूद ऑटो टैक्स कैलकुलेशन से टैक्स देख सकते हैं।
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