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    महाराष्ट्र में हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका, आगे क्या पड़ेगा असर? 6 महीने में गंवाई लोकसभा चुनाव की चमक

    Updated: Sun, 24 Nov 2024 08:18 AM (IST)

    लोकसभा चुनाव के बाद वापसी करती दिख रही कांग्रेस को कुछ ही समय में दो बड़े झटके लग गए हैं। पहले हरियाणा चुनाव में हार और जम्मू-कश्मीर में खराब प्रदर्शन ने लोकसभा चुनाव में इसके प्रदर्शन की चमक को काफी कम कर दिया है।अब महाराष्ट्र में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में इस हार के परिणाम कांग्रेस को कई सालों तक भुगतने पड़ सकते हैंं।

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    कांग्रेस की बढ़ सकती हैं मुश्किलें (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद वापसी करती दिख रही कांग्रेस को कुछ ही समय में दो बड़े झटके लग गए हैं। पहले हरियाणा चुनाव में हार और जम्मू-कश्मीर में खराब प्रदर्शन ने लोकसभा चुनाव में इसके प्रदर्शन की चमक को काफी कम कर दिया है। अब महाराष्ट्र में MVA गठबंधन के तहत लड़ रही पार्टी को भी बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को मिली हार के बाद से संसदीय चुनाव में इसकी बढ़त और कम हो सकती है।

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    बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का गुजरात से भी ज्यादा बुरा हाल हुआ है। 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को गुजरात में 17 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस सिर्फ 16 सीटें ही जीत पाई।

    पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताई ये वजह

    महाराष्ट्र में जब विधानसभा चुनावों का एलान हुआ तो उस वक्त पर नेता विपक्ष का पद कांग्रेस के पास था।चुनाव के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में कलह भी बढ़ने लगी है । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने तो मतगणना के बीच ही कांग्रेस की लीडरशिप पर निशाना साधते हुए बयान दे दिया कि हमारी हार की एक वजह यह भी हो सकती है कि हमारी लीडरशिप ही बेहद खराब थी।

    चुनाव प्रचार हुआ फेल

    इनमें सबसे हैरानी की बात तो ये है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी जहां-जहां चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे, वहां पर कांग्रेस को बड़ी हार मिली है। कांग्रेस के लिए यह बेहद नकारात्मक बात साबित हुई। राहुल ने नंदुरबार,नागपुर ईस्‍ट, धामनगांव, , गोंदिया, नांदेड़ नॉर्थ, चिमूर आदि में चुनाव प्रचार किया था, लेकिन कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं सका।

    नैरेटिव पड़ा भारी

    विधानसभा चुनाव की जमीनी हकीकत और जनता के मिजाज को भांपने की बजाय पार्टी ने हरियाणा की गलती से सबक न लेते हुए महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव के मुद्दे के जरिए ही नैरेटिव बनाने की कोशिश की।

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