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    महाराष्ट्र की राजनीति में वंशवादी राजनीति का कायम रहा दबदबा, दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी हासिल की जीत

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 24 Nov 2024 05:45 AM (IST)

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राजनीतिक वंशवाद के प्रभाव को रेखांकित किया है। लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक परिवार अपने गढ़ बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की। शरददादा सोनावणे पुणे जिले की जुन्नर सीट से विजयी हुए जबकि शिवाजी शट्टुपा पाटिल कोल्हापुर के चांगड़ से जीते।

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    सभी प्रमुख राजनीतिक परिवार अपने गढ़ बरकरार रखने में कामयाब रहे

     पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राजनीतिक वंशवाद के प्रभाव को रेखांकित किया है। लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक परिवार अपने गढ़ बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के उम्मीदवार नीलेश राणे और भाजपा के उनके विधायक भाई नितेश राणे, राज्य मंत्री उदय सामंत और उनके भाई किरण सामंत ने जीत हासिल की।

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    संजना जाधव ने अपने अलग हो चुके पति हर्षव‌र्द्धन जाधव को हराया

    राणे बंधुओं के पिता नारायण राणे ने भी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। भोकर निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बेटी और भाजपा नेता श्रीजया चव्हाण ने अपने पहले मुकाबले में अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी तिरूपति कदम को 50,551 वोटों के अंतर से हराया। मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में शिवसेना की रंजनाताई उर्फ संजना जाधव ने अपने अलग हो चुके पति हर्षव‌र्द्धन जाधव को कड़े मुकाबले में हरा दिया।

    मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने अपने शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा को हराकर वर्ली सीट बरकरार रखी। आदित्य के चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार वरुण सरदेसाई ने अपने पहले मुकाबले में मुंबई के वांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में जीशान सिद्दीकी को करारी शिकस्त दी।

    मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने अपनी वांद्रा पश्चिम सीट बरकरार रखी। लातूर में दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे और लातूर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक धीरज देशमुख को करारा झटका लगा। वह कड़े मुकाबले में अपनी सीट भाजपा उम्मीदवार से हार गए। उनके बड़े भाई अमित देशमुख भाजपा उम्मीदवार अर्चना पाटिल चाकुरकर के साथ कड़ी लड़ाई के बाद लातूर शहर की सीट पर कब्जा करने में कामयाब रहे।

    महाराष्ट्र में दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी हासिल की जीत

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की। शरददादा सोनावणे पुणे जिले की जुन्नर सीट से विजयी हुए, जबकि शिवाजी शट्टुपा पाटिल कोल्हापुर के चांगड़ से जीते। चुनाव में कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 2,086 निर्दलीय थे। एकनाथ ¨शदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सोनावणे ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) उम्मीदवार सत्यशील शेरकर को 6664 वोटों के अंतर से हराया। निवर्तमान विधानसभा में 13 निर्दलीय विधायक थे।

    बहुत कम लोगों ने चुना नोटा का विकल्प

    नोटा के विकल्प को एक बार फिर बहुत कम लोगों ने अपनाया। महाराष्ट्र में 0.75 प्रतिशत और झारखंड में 1.32 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में एक प्रतिशत से भी कम (0.75 प्रतिशत) मतदाताओं ने उपरोक्त में से कोई नहीं या नोटा विकल्प का चुना। झारखंड में एक प्रतिशत से कुछ अधिक (1.32 प्रतिशत) मतदाताओं ने इस विकल्प का प्रयोग किया।