'अदालत को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं', विजय की रैली में भगदड़ की CBI जांच से हाई कोर्ट का इनकार
मद्रास उच्च न्यायालय ने अभिनेता विजय की रैली में हुई भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने राजमार्गों के पास सार्वजनिक रैलियों पर रोक लगाने और रैलियों में पेयजल और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। अदालत ने पीड़ितों के मुआवजे की मांग पर तमिलनाडु सरकार और विजय की पार्टी टीवीके को नोटिस जारी किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों करूर में दक्षिण भारतीय सुपरस्टार विजय की रैली में हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई थी। टीवीके चीफ की रैली में मची भगदड का मामला मद्रास हाईकोर्ट में पहुंचा, अब उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
दरअसल, शुक्रवार को उच्च न्यायालय रैली में हुई घातक भगदड़ से संबंधित याचिकाओं का निपटारा करते हुए आदेश दिया है कि राजमार्गों के निकट कोई सार्वजनिक रैली आयोजित नहीं की जाएगी। इसके साथ ही आदेश दिया कि किसी भी रैली में पेयजल और शौचालय का इंतजाम रहेगा।
कोर्ट ने दिए ये आदेश
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को न्यायमूर्ति एम. धंदापानी और न्यायमूर्ति एम. जोतिरमन की मदुरै उच्च न्यायालय की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। जिसमें ये आदेश पारित किया गया।
याचिका में की गई थी सीबीआई जांच की मांग
बता दें कि एमएल रवि नाम के एक व्यक्ति ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई की मांग की थी। इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।
इसको लेकर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता एक राजनेता हैं और इस बात पर ज़ोर दिया कि अदालत को राजनीतिक अखाड़े में नहीं बदला जाना चाहिए। साथ ही पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का पीड़ितों से कोई संबंध नहीं है और जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। वहीं, सीबीआई जांच की मांग वाली एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी गई और अदालत ने कहा कि यह विचारणीय नहीं है।
टीवीके के जारी किया नोटिस
वहीं, पीठ ने पीड़ितों के लिए मुआवज़े की मांग वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और अभिनेता-राजनेता विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी को नोटिस जारी किए। दोनों पक्षों को दो हफ्ते के भीतर जवाब देना होगा।
विजय ने की 20 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा
उधर, विजय की पार्टी टीवीके ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, तमिलनाडु सरकार ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
लोगों की जान बचाना सरकार का काम
वहीं, उच्च न्यायालय से राज्य की स्टालिन सरकार को भी फटकार लगाई है। कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाना राज्य सरकार का काम है और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए थीं।
उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक अंतरिम आदेश में कहा गया कि ऐसी रैलियां राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों के पास आयोजित की जानी चाहिए तथा उपस्थित लोगों के लिए पेयजल, एम्बुलेंस, शौचालय की सुविधा और निकास मार्ग सुनिश्चित किए जाने चाहिए
विजय की रैली में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत
गौरतलब है कि 27 सिंतबर को विजय की रैली में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 11 बच्चों सहित 41 लोगों की जान चली गई। वहीं, इस भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल हुए। प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस ने इस त्रासदी के लिए विजय की सात घंटे की देरी को भी ज़िम्मेदार ठहराया।
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