जोधपुर जेल में 24 घंटे CCTV की निगरानी में सोनम वांगचुक, सरकार से बातचीत करने से एपेक्स बॉडी का इनकार
लेह में हिंसा और गिरफ्तारियों के बाद एपेक्स बॉडी ने सरकार के साथ बातचीत से इनकार कर दिया है। उनकी मांग है कि पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए। 24 सितंबर को पुलिस फायरिंग में युवाओं की मौत के बाद स्थिति गंभीर है। एपेक्स बॉडी लद्दाख को राज्य का दर्जा छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा और युवाओं के लिए नौकरियां चाहती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लेह में हालिया हिंसा और गिरफ्तारियों के बाद एपेक्स बॉडी ने भारत सरकार के साथ होने वाली बातचीत से हटने का फैसला किया है। संगठन ने साफ कहा है कि जब तक पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत गिरफ्तार कार्यकर्ताओं पर से कार्रवाई नहीं हटाई जाती, वे दिल्ली जाकर वार्ता नहीं करेंगे।
एपेक्स बॉडी का कहना है कि 24 सितंबर को पुलिस फायरिंग में चार युवाओं की मौत और 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद हालात बेहद गंभीर हैं। उन्होंने मांग की है कि जब तक इस घटना की न्यायिक जांच और गिरफ्तार लोगों की रिहाई नहीं होती, तब तक किसी तरह की बातचीत नहीं होगी।
क्या-क्या है मांग?
एपेक्स बॉडी की मुख्य मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियां और लेह-लद्दाख के लिए अलग लोकसभा सीट शामिल हैं। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि क्षेत्र की जलवायु और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
हिंसा 24 सितंबर को तब भड़की जब सोनम वांगचुक के नेतृत्व में भूख हड़ताल हो रही थी। प्रदर्शनकारियों ने कई दफ्तरों पर हमला किया और बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
कब किया गया था गिरफ्तार
हिंसा के बाद शुक्रवार को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जोधपुर की जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया है। लद्दाख पुलिस ने दावा किया कि वांगचुक का पाकिस्तान और बांग्लादेश यात्रा से जुड़ा एंगल भी सामने आया है।
लद्दाख पुलिस प्रमुख एसडी सिंह जमवाल ने कहा कि हाल ही में गिरफ्तार एक पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव के संपर्क में वांगचुक थे और वे पाकिस्तान में Dawn कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हालांकि, वांगचुक और उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
पल-पल रखी जा रही नजर
जोधपुर के सेंट्रल जेल में बंद वांगचुक पर जेल प्रशासन और पुलिस लगातार कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। सुरक्षा के लिहाज से वांगचुक को सेंट्रल जेल की विशेष सेल में रखा गया है। उनकी हर गतिविधि पर सीसीटीवी और वीडियो मॉनिटरिंग के जरिए पल-पल नजर रखी जा रही है।
जेल के कायदों के मुताबिक ही उन्हें ट्रीट किया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए आरएसी के जवानों के साथ जेल प्रहरी भी लगातार चौकसी कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस का एक विशेष दस्ता भी निगरानी में तैनात है।
वांगचुक की स्थिति पर लिए जा रहे अपडेट
वरिष्ठ जेल अधिकारियों से लेकर जिला और पुलिस प्रशासन तक वांगचुक की स्थिति पर लगातार अपडेट ले रहे हैं। जेल डीआईजी राकेश मोहन शर्मा और जेल एसपी प्रदीप लखावत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश सुरक्षा इंतजामों का पल-पल का फीडबैक ले रहे हैं।
जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल भी इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। सोनम वांगचुक को जेल मेनू के अनुसार नाश्ते के साथ खाना भी दिया जा रहा है। अगर सूत्रों की मानें तो वांगचुक मेंटल तौर पर काफी मजबूत नजर आ रहे हैं , इसीलिए उनके स्वास्थ्य में फिलहाल किसी प्रकार की गिरावट या अन्य किसी प्रकार की घटना सामने नहीं आई है। जेल प्रशासन की ओर से उनके स्वास्थ्य जांच के साथ उन पर पूरी निगाहें बनाई गई हैं।
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