संगठित क्षेत्रों में बढ़ने लगे रोजगार, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट से मिली जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 23.55 प्रतिशत इकाइयां अपने कामगारों को उनके काम के बारे में प्रशिक्षित करती हैं। नौ सेक्टरों में स्वास्थ्य सेक्टर की 34.87 प्रतिशत इकाइयां रोजगार प्रशिक्षण देती हैं। उसके बाद आइटी-बीपीओ हैं जिनकी 31.1 प्रतिशत इकाइयां प्रशिक्षण देती हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: संगठित क्षेत्रों में रोजगार के सृजन में बढ़ोतरी दिख रही है। गुरुवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय की तरफ से जारी तिमाही रोजगार सर्वे की रिपोर्ट में यह रुख दिख रहा है। गुरुवार को वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) का रोजगार सर्वे जारी किया गया। इसके मुताबिक इस अवधि में वित्त वर्ष 21-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के मुकाबले चार लाख अधिक नए रोजगार निकले।
इस सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग, निर्माण, व्यापार, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, स्वास्थ्य, होटल व रेस्तरां, आइटी-बीपीओ एवं वित्तीय सेवाएं जैसे नौ क्षेत्रों को को मुख्य रूप से शामिल किया गया हैं। सर्वे में 10 या इससे अधिक श्रमिक क्षमता वाली 10,834 यूनिट को शामिल किया गया। वर्ष 2013-14 के बाद स्थापित यूनिट को सर्वे में शामिल नहीं किया गया।
मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र रोजगार देने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र
श्रम व रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को अपने ट्वीट में कहा कि रोजगार सर्वे के तीसरे राउंड (अक्टूबर-दिसंबर) में संगठित क्षेत्रों के रोजगार में बढ़ोतरी का रुख है। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर के बीच नौ संगठित क्षेत्र में 3.14 करोड़ लोग नौकरी में थे जबकि इससे पूर्व की तिमाही में इन जगहों पर 3.10 करोड़ श्रमिक नौकरी में थे। रिपोर्ट के मुताबिक 85 प्रतिशत से अधिक कामगार नियमित कामगार के रूप में कार्यरत हैं। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र रोजगार देने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां 39 प्रतिशत श्रमिक काम करते हैं। इसके बाद शिक्षा क्षेत्र में 22 प्रतिशत श्रमिकों को रोजगार मिला है।
सभी नौ सेक्टरों में लगभग 1.85 लाख स्थान हैं रिक्त
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 23.55 प्रतिशत इकाइयां अपने कामगारों को उनके काम के बारे में प्रशिक्षित करती हैं। नौ सेक्टरों में, स्वास्थ्य सेक्टर की 34.87 प्रतिशत इकाइयां रोजगार प्रशिक्षण देती हैं। उसके बाद आइटी-बीपीओ हैं, जिनकी 31.1 प्रतिशत इकाइयां प्रशिक्षण देती हैं। सभी नौ सेक्टरों में लगभग 1.85 लाख रिक्त स्थानों की जानकारी उपलब्ध है। 85.3 प्रतिशत नियमित कामगार हैं और 8.9 प्रतिशत ठेका मजदूर हैं।