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Kolkata: वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय गंगा की बैठक में जुड़े पीएम, कई राज्यों के सीएम भी रहे मौजूद

कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। पीएम मोदी ने वर्चुअल तरीके से इस बैठक की अध्यक्षता की है।

By Edited By: Gaurav TiwariPublished: Fri, 30 Dec 2022 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2022 02:10 PM (IST)
राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक बुलाई गई।

कोलकाता, ऑनलाइन डेस्क। शुक्रवार की दोपहर कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक बुलाई गई। इस बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी वर्चुअल मोड में कर रहे हैं। दरअसल, पीएम मोदी इसमें शामिल होने वाले थे लेकिन सुबह उनके मां के देहांत के कारण वो वर्चुअली ही इस बैठक में शामिल हो पाए।

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कई राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल

कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित भारतीय नौसेना के बेस आइएनएन नेताजी सुभाष में बैठक का आयोजन किया गया है। इस उच्च स्तरीय परिषद की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद हैं। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे हैं। हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी कि वे बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। फिलहाल, नीतीश कुमार की जगह बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ संबंधित विभागों के केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय गंगा परिषद के सदस्य आमंत्रित किए गए हैं।

कई रिपोर्ट किए जाएंगे पेश

एनजीसी की बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर संचालित परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। गंगा नदी के पानी की शुद्धता का ब्योरा लिया जाएगा और साथ ही गंगा की धारा को निर्मल और अविरल बनाने का संकल्प को दोहराया जाएगा। समीक्षा बैठक में गंगा के उद्गम स्थल से लेकर गंगा के बंगाल की खाड़ी में विलीन होने तक की धारा के पानी की परीक्षण रिपोर्ट रखी जाएगी। गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को कम करने में केंद्र के साथ राज्यों के सहयोग का ब्योरा रखा जाएगा। बता दें कि इससे पहले 2019 में परिषद की पहली बैठक का आयोजन कानपुर में किया गया था।

पीएम ने कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक की शुरुआत में वर्चुअल माध्यम से बंगाल की सात प्रमुख सीवरेज की इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया। इसमें 20 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 612 किलोमीटर लंबाई में विकसित सीवर नेटवर्क शामिल है। इसे नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत विकसित किया गया है। इस परियोजना पर कुल 990 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस परियोजना का लाभ नवद्वीप, काचरापारा, हालिशहर, बजबज, बैरकपुर, चंदननगर, बंसबेरिया, उत्तरपारा, कोटरंग, बैद्यबाटी, भद्रेश्वर, नैहाटी, गारुलिया, टीटागढ़ और पानीहाटी को मिलेगा। इस परियोजना के तैयार हो जाने से प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर सीवेज का ट्रीटमेंट हो सकेगा।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने पांच प्रमुख सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास किया, जिसमें आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 80 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क विकसित किया जाएगा। इसपर कुल 1,585 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे कुल 190 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता बढ़ जाएगी। इस दौरान पीएम ने बंगाल में स्वच्छता और जल संशोधन से संबंधित कई और परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर एंड सैनिटेशन का उद्घाटन भी शामिल है।

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