अनलॉक-2 में किसको मिली इजाजत किससे हुआ इनकार, जानें अनलॉक-1 से कितना है अलग
अनलॉक-1 में काफी कुछ चीजों को खोल दिया गया था। वहीं अनलॉक -2 में विचार विमर्श के बाद कुछ चीजों को खोलने से सरकार ने इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर जो ब्रेक लगाया उसको दोबारा पटरी पर लाने की कवायद के मद्देनजर भारत ने एक चरणबद्ध योजना लागू की थी। जून की शुरुआत में लागू की गई इस योजना को अनलॉक-1 कहा गया। वहीं अब अनलॉक-2 की गाइडलाइंस भी सरकार ने जारी कर दी है। अनलॉक-1 के तहत कारोबारियों को दोबारा शुरुआत करने के अलावा मंदिर, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्तरां आदि को विभिन्न चरणों में खोला गया था। सरकार ने बाकायदा इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी की थी। अलनॉक-1 की प्रक्रिया 30 जून तक थी आइये जानते हैं अनलॉक-2 और अनलॉक-1 के दौरान क्या कुछ खुला ।
अनलॉक-2
- इस दौरान केंद्र की तरफ से जारी दिशा निर्देशों में स्कूल, कालेजों समेत दूसरे शिक्षण सस्थानों को खोलने के लिए अभिभावकों से विचार विमर्श करने के बाद फैसला लेने की बात कही गई थी। लेकिन अनलॉक-2 की प्रक्रिया शुरू होने के साथ सरकार की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि 31 जुलाई तक किसी भी तरह के खिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि इन्हें खोलने को लेकर राज्य सरकारें भी तैयार नहीं थीं।
- इस अनलॉक-2 की प्रक्रिया में मेट्रो के पहियों को भी घूमने की इजाजत नहीं दी गई है। 31 जुलाई तक इनके पहिये थमे रहेंगे।
- 31 जुलाई तक कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। हालांकि इस दौरान कर्फ्यू के वक्त को रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक कर दिया गया है।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करते हुए एक दुकान में केवल पांच लोगों की मौजूदगी को ही अनुमति दी गई है। सार्वजनिक स्थानों पर फेसमास्क सभी के लिए अनिवार्य होगा।
- ऑफिसों को इस दौरान कहा गया है कि वह संभव हो तो अधिकतर कर्मचारियों से पहले की ही तरह वर्क फ्रॉम होम करवाते रहें। यदि ऑफिस खोलने ही पड़ें तो वहां पर रोस्टर सिस्टम के तहत काम करवाया जाए।
- राज्यों को ये अधिकार दिया गया है कि वे कंटेनमेंट जोन के बाहर भी कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं।
- थियटर, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क समेत धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक सभाएं 31 जुलाई तक बंद रहेंगी। इसके अलावा खेलकूद, मनोरंजन, सास्कृतिक आयोजन और भीड़ एकत्रित करने वाले सभी तरह के आयोजन पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।
- अनलॉक-2 की गाइडलाइंस में फिलहाल रेल और हवाई सेवा में विस्तार को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
अनलॉक-1
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 जून तक अनलॉक-1 के लिए जारी दिशानिर्देश में गतिविधियों को आगे बढ़ाने की चाबी राज्यों के हाथ में दी थी। राज्यों ने स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 जून तक के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया था।
- कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना समेत कई राज्यों ने गृह मंत्रालय के दिशा- निर्देश के अनुरूप दूसरे राज्यों में आने-जाने पर लगी पाबंदी को हटा दिया। लेकिन महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के राज्यों ने अभी अंतरराज्यीय आवाजाही पर रोक बरकरार रखने का फैसला लिया। छूट वाले राज्यों में बिना पास के लोगों को कहीं भी आना-जाने की सुविधा दी गई।
- कंटेनमेंट जोन के अलावा बाकी पूरे देश में कारोबारी व अन्य गतिविविधयों को मंजूरी दे दी गई। इस दौरान लगाए गए ज्यादातर प्रतिबंध कंटेनमेंट जोन में ही सीमित कर दिए गए हैं। कंटेनमेंट जोन में आवश्यक गतिविधियों के अतिरिक्त लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट जोन के आसपास के कुछ क्षेत्र यानी बफर जोन में भी अतिरिक्त सतर्कता बरतरने के निर्देश दिए गए। मई में शुरू हुई घरेलू हवाई सेवा के विस्तार के अलावा अनलॉक-1 के तहत रेल सेवा का विस्तार किया गया।
- केंद्र की गाइडलाइंस के तहत आठ जून से मॉल, होटल-रेस्टोरेंट और धर्मस्थलों को खोल दिया गया। इन सभी जगहों पर ग्राहकों की संख्या को भी निर्धारित किया गया। साथ ही यहां पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मुंह पर मास्क होना अनिवार्य किया गया। साथ ही इन सभी जगहों की साफ-सफाई और सेनेटाइज करने का भी सख्ती से पालन किया ।
- इस दौरान अधिकतर राज्यों में सरकारी दफ्तरों को पूरी तरह से खोल दिया गया था। इससे पहले ऑफिसों में 50 फीसद कर्मियों के साथ ही काम हो रहा था।
- अनलॉक-1 के तहत कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन को भी यात्रियों की सीमित संख्या की शर्त पर छूट दी गई। इसके अलावा कुछ राज्यों ने अपने यहां पर कोरोना के संक्रमितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए बाजारों को एक साथ न खोलकर उनपर ऑड इवेन जैसे नियम लागू किए। प्राइवेट टैक्सी, ऑटो और रिक्शा को भी यात्रियों की सीमित संख्या के साथ सड़कों पर उतरने की इजाजत दी गई।
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