भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बारे में जानिए जरूरी बातें
ओडिशा के भुवनेश्वर में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हो रही है। इस बैठक से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा पूर्वी भारत के दो राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ जमाने की कवायद में लग गयी है। पश्चिम बंगाल में हाल में हुए उपचुनाव और ओडिशा में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर उभरने में कामयाब रही है।
पार्टी संगठन को विस्तार देने के लिए भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जारी है। इसकी अहमियत यह है कि लगभग 20 साल बाद ओडिशा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। बैठक में 2019 के चुनाव के मद्देनजर पूर्वी, तटीय और कोरोमंडल क्षेत्र में पार्टी के आधार को मजबूत करने की रणनीति तैयार होगी।
इन क्षेत्रों में लोकसभा की करीब 120 सीटों में से भाजपा के पास दर्जन भर सीटें भी नहीं हैं। मोदी लहर के बावजूद भाजपा 2014 के चुनाव में इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पायी थी। फिलहाल इस बैठक से जुड़ी कुछ खास बातें जान लीजिए...
जानिए बड़ी बातें
- ओडिशा में साल 2000 से बीजद प्रमुख और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में सरकार है और भाजपा को लगता है कि ओडिशा में सरकार विरोधी रुख का उसे लाभ मिल सकता है क्योंकि कांग्रेस वहां कमजोर हुई है।
- भाजपा का विशेष जोर उन 120 सीटों पर है जिनमें वह जीत दर्ज नहीं कर पाई लेकिन उसे जीत हासिल करने की उम्मीद है। भाजपा नेता ने कहा कि ओडिशा में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निश्चित तौर पर उत्साहवर्द्धक रहा है।
- भाजपा को राज्य में पैर पसारने का मौका सत्ताधारी बीजू जनता दल में खींचतान से मिलता दिख रहा है, दरअसल, पिछले कुछ दिनों में बीजद की अंदरुनी कलह सतह पर आ गई हैं, भाजपा इसी का फायदा उठाने की फिराक में है।
- भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुजरात और हिमाचल प्रदेश की चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी मंथन होगा।
- केंद्र सरकार के 3 साल के कामकाज का लेखा-जोखा रखा जाएगा। बैठक में योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया जाएगा।
- भाजपा कभी भी ओडिशा में सत्ता में नहीं आ पाई है। इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक 1997 में भुवनेश्वर में हुई थी। इस बैठक के बाद 26 दिसंबर को बीजू पटनायक ने जनता दल से अलग बीजेडी का गठन किया था और 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने भाजपा की अगुवाई में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
- साल 2000 में नवीन पटनायक की अगुवाई में ओडिशा में एनडीए की सरकार बनी थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूट गया था।
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